Ads से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप
पटना42 मिनट पहलेलेखक: शालिनी सिंह
- कॉपी लिंक
- 48 घंटे तक दमकल की गाड़ियों ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया था
- सैंकड़ों की संख्या में सचिवालय मैदान में सुखाई जा रही हैं फाइलें
बिहार सरकार के ग्रामीण विकास विभाग में आगजनी हुए 2 महीने 18 दिन बीत चुके हैं। लेकिन इस आग ने सबकुछ ऐसा भिंगोया है कि इस विभाग के अधिकारी से लेकर कर्मचारी तक अब भी इन फाइलों के सुखने का इंतजार कर रहे हैं। विभाग की अतिमहत्वपूर्ण फाइलों को मुख्य सचिवालय के खुले मैदानों में रखकर हर दिन सुखाया जा रहा है। 20 अक्टूबर को ग्रामीण विकास विभाग में लगी भीषण आग में विभाग से जुड़ी सैकड़ों फाइलें जलकर राख हो गई थी। आग को बुझाने में लगभग 48 घंटे तक दमकल की गाड़ियों ने पानी की बौछार की, उस बौछार से भींगी फाइलों को विभाग के मैदान में फैला-फैला कर कपड़ों की तरह सुखाया जा रहा है।
सचिवालय मैदान में कर्मचारियों की लगती ड्यूटी
आग में भींगी फाइलों की संख्या हजारों में हैं, ऐसे में बीते 2 महीनों से विभाग के कर्मचारी हर रोज सैंकड़ों की संख्या में सचिवालय के मैदान में फाइलों को बिछाकर बैठ जाते हैं। विभाग के दो से तीन कर्मचारी हर रोज सुबह से दोपहर तक फाइलें सुखाने की ड्यूटी में रहते हैं। इन कर्मचारियों का काम मैदान में फैले फाइलों की देखरेख करना और धूप दिखाने के लिए पलटने रहना है।
6 कमरों में लगी थी आग, अब तक हो रहा नुकसान का आकलन
19 अक्टूबर की देर रात लगी इस आग में ग्रामीण विकास विभाग के करीब आधा दर्जन कमरों में रखे सामान जल गये थे। आशंका जतायी गई थी कि इसमें कई महत्चपूर्ण फाइलें भी शामिल थी। आग कैसे लगी, ये पता नहीं चल पाया था। आग बुझाने पहुंचे सुरक्षाकर्मियों से जानकारी मिली थी कि फायर ब्रिगेड की टीम पहुंचने से पहले ही आग की लपटें 6 कमरों में फैल गयी थी। इन कमरों में रखे सभी जरूरी कागजात और सामान जलकर खाक हो गए थे। आग इतनी भयानक थी कि प्रधान सचिव के सेल में रखी कंप्यूटर फाइल और हार्ड डिक्स जलकर खाक हो गया था। विभाग ने पूरे मामले में जांच करने की बात कही थी, जिससे नुकसान और कारण का आकलन हो सकें। लेकिन 2 महीने बाद भी इसको लेकर अब तक कोई नई जानकारी सामने नहीं आई है।

सचिवालय मैदान में कपड़ों की तरह सुखाई जा रहीं फाइलें।
विपक्ष ने लगाया था घोटाले का आरोप
ग्रामीण विकास विभाग में लगी इस भीषण आग को लेकर विपक्ष ने नीतीश सरकार को जमकर घेरा था, राजद नेता चित्तरंजन गगन ने कहा था कि सरकार घोटाले छिपाने के लिए आग लगवा रही है। ग्रामीण विकास विभाग में लगी आग को गगन ने सुनियोजित योजना के तहत विभाग में हुए काले कारनामों को छुपाने के लिए लगाई गई आग बताया था। वहीं कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा था कि यह आग लगी नहीं, लगाई गई है। इसमें घोटालों की सारी फाइलें जलाई गई है।
पहले भी लगती रही है आग
20 अक्टूबर 2020 को लगी आग के पहले बिहार सचिवालय में दिसंबर 2009 और सचिवालय के ही स्वास्थ्य विभाग में फरवरी 2016 को और विकास भवन में सितंबर 2016 को आग लग चुकी है। इस आग में जरूरी कागजात से भरी फाइलें जल कर खाक हो गईं थी। सचिवालय के स्वास्थ्य विभाग के कमरे में आग लगने की घटना के बाद 27 फरवरी 2016 को जांच के लिए विशेष कमेटी गठित की गई थी। कमेटी को न सिर्फ जांच कर रिपोर्ट देना था, बल्कि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हो। इसका भी उपाय बताने को कहा गया था।