बेंगलुरु स्थित कंपनी ने लगभग 7.18 लाख निवेशकों से ₹389 करोड़ जुटाए थे। हालाँकि, कंपनी ने निवेशकों को न तो ब्याज की रकम दी और न ही जमा राशि लौटाई।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत पोंजी योजना के संबंध में बेंगलुरु और मांड्या में हिंदुस्तान इंफ्राकॉन इंडिया लिमिटेड के पांच स्थानों और संबंधित व्यक्तियों की तलाशी ली है।
इससे पहले, ईडी ने निवेशकों से ₹191.54 करोड़ की धोखाधड़ी करने के आरोप में हिंदुस्तान इंफ्राकॉन, उसके प्रमोटरों और निदेशकों के खिलाफ बेंगलुरु के विजयनगर पुलिस स्टेशन में दर्ज एफआईआर के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था।
ईडी की जांच से पता चला कि हिंदुस्तान इंफ्राकॉन के प्रमोटरों और निदेशकों ने विभिन्न जमा योजनाओं पर उच्च ब्याज दरों की पेशकश करके संभावित निवेशकों को लुभाया।
कंपनी ने करीब 7.18 लाख निवेशकों से ₹389 करोड़ जुटाए थे। हालाँकि, कंपनी ने निवेशकों को न तो ब्याज की रकम दी और न ही जमा राशि लौटाई।
ईडी के मुताबिक, कंपनी निवेशकों को ₹199 करोड़ लौटाने में विफल रही।
कंपनी और उसके अधिकारियों से जुड़े विभिन्न परिसरों की तलाशी के परिणामस्वरूप नकदी लेनदेन के दस्तावेज और रिकॉर्ड जब्त किए गए। आगे की जांच जारी है।