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पटना14 मिनट पहलेलेखक: प्रणय प्रियंवद
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राहुल गांधी।
कांग्रेस के विधायकों और विधान पार्षदों के साथ राहुल गांधी ने सामूहिक रूप से तो बात की ही, साथ ही वन-टू-वन बात भी की। कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा से भास्कर ने राहुल गांधी की मीटिंग के बाबत बात की। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को हमने सुझाव दिया है कि हम सभी विधायक चुनाव जीतने के बाद कोरोना की वजह से बिहार का दौरा नहीं कर पाए हैं। इसलिए एक माह के बाद कांग्रेस के सभी विधायक बिहार का दौरा करेंगे। राहुल गांधी को यह सुझाव भी दिया कि पंचायत चुनाव में कांग्रेस अपने उम्मीदवार खड़े करे। पार्टी की मजबूती के लिए कांग्रेस बिहार के हर गांव में अपने 10-10 डेडिकेटेड वर्कर तैयार करेगी। राहुल गांधी से आग्रह किया गया है कि इन सभी गतिविधियों की समीक्षा हर तीन माह पर वे स्वयं करें और आगे की रणनीति के लिए गाइडलाइन भी दें।
अजीत शर्मा ने भास्कर को बताई मीटिंग की पूरी बात
अजीत शर्मा ने बताया कि बिहार में कांग्रेस का वोट बैंक तगड़ा रहा है, लेकिन अगड़ी जाति, मुस्लिम, OBC और दलितों के बड़े हिस्से का वोट दूसरी तरफ चला गया है। इन सबों को एकजुट करना है और 2024 का चुनाव पूरे दम-खम के साथ लड़ना है। दलितों में पासवान, मुसहर, रविदास को भी कांग्रेस अपनी तरफ लाएगी। क्या कांग्रेस संगठन में भी बदलाव करेगी? इस सवाल के जवाब में शर्मा ने बताया कि हमने राहुल गांधी से कहा है कि बदलाव की अभी जरूरत नहीं है। नए लोगों को लाने पर बात हुई, ताकि पार्टी को मजबूती मिल सके। कमेटी बनाने की बात राहुल गांधी से की। अजीत शर्मा ने कहा कि कांग्रेस को मजबूत करने पर पूरी बाताचीत हुई। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अनिल शर्मा ट्वीट कर संगठन में सभी वर्गों को प्रतिनिधित्व देने की बात करते रहे हैं, क्या इस पर भी राहुल गांधी से बात हुई? इस सवाल के जवाब में अजीत शर्मा ने कहा कि कांग्रेस ने इसका ख्याल हमेशा रखा है और आगे भी रखेगी। शर्मा ने कहा कि उनकी सलाह पर राहुल गांधी ने हामी भरी है।
विधायकों से पहले वरिष्ठ नेताओं से मिले राहुल
विधायकों-पार्षदों से शाम के समय मिलने के पहले राहुल गांधी ने सुबह 9.15 पर बिहार कांग्रेस के कई नेताओं से वन-टू-वन बात की थी। पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अनिल शर्मा, पूर्व राज्यपाल निखिल कुमार और लोकसभा की पूर्व स्पीकर मीरा कुमार से भी उन्होंने बिहार की सोशल इंजीनियरिंग पर बात की थी। अनिल शर्मा पहले से ही संगठन में सवर्णों के साथ-साथ पिछड़ा, अति पिछड़ा, महिला आदि सभी वर्गों को प्रतिनिधित्व देने की मांग कर चुके हैं। इस मुद्दे पर उन्होंने कई ट्वीट भी किए थे। राहुल गांधी से मुलाकात के बाद भास्कर ने अनिल शर्मा से बातचीत की। अनिल शर्मा ने बताया कि उन्होंने राहुल गांधी को बिहार की सोशल इंजीनियरिंग के बारे में विस्तार से जानकारी दी है। बिहार में सवर्णों ने 2019 की तरह 2020 में NDA को समर्थन नहीं दिया, लेकिन यादवों को छोड़कर बाकी पिछड़ी, अति पिछड़ी जातियां या बनिया समाज के बहुसंख्यक मतदाताओं ने NDA का पूरा साथ दिया। दलित वोट बिहार में बंट गए। अनिल शर्मा ने बताया कि कांग्रेस की चिंता यह है कि बिहार में कांग्रेसी किस तरह से सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरे। बिहार में वोट बैंक की राजनीति का सच यहां की जाति और यहां का धर्म बड़े रूप में है। इसलिए आने वाले समय में बहुत संभव है कि कांग्रेस सोशल इंजीनियरिंग पर पूरा फोकस करेगी।