Go First Airline: वित्तीय संकट में फंसी गो फर्स्ट एयरलाइन (Gofirst Airline) के विमानों का संचालन एक बार फिर से शुरू होने की उम्मीद जताई जा रही है. डीजीसीए (DGCA) ने गो फर्स्ट से अपना ऑपरेशन फिर से शुरू करने से पहले विस्तृत बहाली योजना (Detailed Restoration Plan) पेश करने के लिए कहा है. सूत्रों की तरफ से इस बारे में जानकारी दी गई. स्वैच्छिक दिवाला कार्यवाही का सामना कर रही कंपनी की उड़ानें 3 मई से बंद हैं. सूत्र ने दावा किया कि डीजीसीए (DGCA) ने 24 मई को कंपनी को परिचालन की बहाली के लिए 30 दिन के अंदर एकीकृत पुनरुद्धार योजना पेश करने के लिए कहा है.
डीजीसीए (DGCA) ने इसके बाद एयरलाइन से संचालन योग्य विमान, पायलट और अन्य कर्मियों, देखभाल प्रबंधन और कोष समेत अन्य चीजों की जानकारी देने के लिए कहा था. सूत्रों ने बताया कि गो फर्स्ट (Gofirst Airline) की तरफ से बहाली योजना पेश किए जाने के बाद डीजीसीए अगली कार्यवाही के लिए इसकी समीक्षा करेगा. डीजीसीए की तरफ से 8 मई को भेजे गए कारण बताओ नोटिस का एयरलाइन ने जवाब दिया था.
जज ने खुद को मामले से अलग किया सूत्रों का दावा है कि गो फर्स्ट ने अपने जवाब में आग्रह किया था कि संचालन बहाल करने के लिए एक व्यापक पुनर्गठन योजना तैयार करने को लेकर रोक अवधि का उपयोग करने और फिर इसे डीजीसीए के समक्ष प्रस्तुत करने की अनुमति दी जाए. इससे पहले इस बीच हैरान करने वाला मामला सामने आया है. गो फर्स्ट पर दाखिल की गई अर्जियों पर सुनवाई करने वाले जज ने खुद को मामले से अलग कर लिया है. उन्होंने इससे अलग होने की कोई वजह भी नहीं बताई है.
दिल्ली उच्च न्यायालय की एक न्यायाधीश ने गो फर्स्ट को लीज पर विमान मुहैया कराने वाली कंपनियों की तरफ से दायर अर्जियों पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है. न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह ने कोई कारण बताए बिना इन याचिकाओं की सुनवाई से खुद को अलग करने के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि इस मामले को अब मुख्य न्यायाधीश के आदेश पर शुक्रवार को किसी अन्य न्यायाधीश के समक्ष सुनवाई के लिए रखा जाए.