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औरंगाबाद5 घंटे पहले
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- तीन फीट जमीन के अंदर डाला महज सवा फीट का पाइप, जिला प्रशासन ने मांगा स्पष्टीकरण
- पंचायत चुनाव के नजदीक आते ही जनता में बेनकाब हो रहे मुखिया, कार्रवाई से बचने के लिए ढूंढ रहे उपाय
मुखिया जी की जनता सेवा बेनकाब हो रहा है। वार्ड सदस्य का समर्पण सार्वजनिक हो रहा। बीडीओ साहब की तो बात ही निराली है। इन्होंने तो गजब का मॉनिटरिंग किया। नल-जल योजना को नल-छल योजना बना दिया। सीएम के ड्रीम योजना को आंख बंदकर लुटने का भरपूर मौका दिया। अब इस सबकी करतूते सार्वजनिक हो रही।
प्रशासन की जांच में सात निश्चय के तहत नल-जल योजना में व्यापक गड़बड़ी उजागर हुई है। इस योजना में गड़बड़ी करने वाले 5 बीडीओ, 22 मुखिया और 128 वार्ड सदस्य को जिला पंचायती विभाग ने शोकॉज किया है। इस शोकॉज से प्रशासनिक महकमों से लेकर नल-जल योजना से जुड़े सरकारी कर्मी व पंचायत प्रतिनिधियों में हड़कंप मचा हुआ है।
ओबरा, बारूण, हसपुरा, नवीनगर व रफीगंज बीडीओ को स्पष्टीकरण: नल-जल योजना में लगातार गड़बड़ी के बावजूद मॉनिटरिंग में चूक करने के मामले में पांच बीडीओ जिला प्रशासन के रडार में आए हैं। जिन में ओबरा, बारूण, हसपुरा, नवीनगर व रफीगंज बीडीओ शामिल हैं। उक्त सभी बीडीओ को डीएम के आदेश पर जिला पंचायती विभाग द्वारा स्पष्टीकरण जारी किया है।
सभी से पूछा गया है कि इस गड़बड़ी के कारण बताएं। क्या वजह है? आखिर कैसी मॉनिटरिंग हो रही थी? आज जो जांच में उजागर हुआ है पहले पकड़ में क्यों नहीं आई? इन तमाम बिंदुओं पर पंचायत व वार्ड स्तर पर गड़बड़ी बताते हुए कारण पूछा गया है। स्पष्टीकरण के जवाब अगर संतोषजनक नहीं रहा, तो कार्रवाई सख्त होगी।
भ्रष्टाचारी मुखिया होंगे पदमुक्त होगी कड़ी कार्रवाई : डीएम
डीएम सौरभ जोरवाल ने बताया कि नल-जल योजना में गड़बड़ी करने वाले भ्रष्टाचारी मुखिया किसी भी सुरत में बख्शे नहीं जाएंगे। हर महत्वकांक्षी योजना पर हमारी नजर है। शिकायत मिलेगी तो जांच की जाएगी। गड़बड़ी सही पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। कुछ मुखिया को पदमुक्त किया गया है। गड़बड़ी करने वाले अन्य मुखिया को पदमुक्त करने के लिए पंचायती राज विभाग को लिखा जाएगा।