पंचायती राज संस्थाओं के खाते पर रोक: BJP विधायक पवन जायसवाल ने पंचायती राज विभाग की चिट्‌ठी को बताया अव्यवहारिक, कहा- आपके आदेश से मजदूर होंगे भुखमरी के शिकार

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पटना40 मिनट पहले

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विधायक पवन जायसवाल ने इस मामले में पंचायत जनप्रतिनिधियों का पक्ष रखने की कोशिश की है।

पंचायत चुनाव की अधिसूचना जारी होते ही पंचायती राज विभाग ने त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं द्वारा संचालित सभी खातों के संचालन पर रोक लगा दिया है। ये रोक निर्वाचन प्रक्रिया पूर्ण होने तक के लिए लगाई गई है। वहीं, अब इस रोक का विरोध शुरू हो गया है। सत्ताधारी पार्टी भाजपा के ढाका विधायक पवन जायसवाल ने इससे जुड़ी विभागीय चिट्‌ठी को अव्यवहारिक बताते हुए, आदेश में संशोधन करने की मांग की है।

भाजपा विधायक ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। पत्र में जायसवाल ने कहा है- ‘खातों पर रोक होने से राज्य का विकास का कार्य बाधित होगा और मजदूरों, वेंडरों का भुगतान नहीं हो सकेगा। यह न्याय संगत नहीं है।’ विधायक के मुताबिक, पूर्वी चंपारण जिले में अप्रैल 2021 से कुल 180688 कार्य दिवस में मजदूरी का भुगतान चार करोड़ 17 लाख 41 हजार रुपए लंबित है।

भाजपा विधायक ने कहा कि खातों पर रोक होने से राज्य का विकास कार्य बाधित होगा।

भाजपा विधायक ने कहा कि खातों पर रोक होने से राज्य का विकास कार्य बाधित होगा।

बताया जा रहा है कि विभागीय रोक के बाद इस लंबित राशि का भुगतान नहीं हो सकेगा और मजदूरों को मजदूरी के लिए 4 महीने तक इंतजार करना पड़ेगा। विधायक का कहना है- ‘जब मनरेगा की तर्ज पर 15वें वित्त आयोग की राशि मजदूरों के खाता और सामग्री सप्लायर वेंडर के खाते में भेजी जाती है तो इस तरह की रोक व्यवहारिक नहीं है।’

लोकसभा, विधानसभा और पंचायत चुनाव में कभी ऐसी रोक नहीं रही: पवन जायसवाल

पवन जायसवाल ने पहले के चुनावों का हवाला देते हुए कहा है- ‘कभी भी आदर्श आचार संहिता के दौरान पूर्ण या कार्य प्रगति पर रहने वाली योजनाओं का भुगतान प्रतिबंधित नहीं रहा है। सरकार के इस आदेश से काम कराने के बाद जनप्रतिनिधि मजदूरों को मजदूरी का भुगतान नहीं कर सकेंगे और उन्हें मजदूरों के गुस्से का शिकार होना पड़ेगा।’

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