Home Bihar पूर्णिया शहर में ऐसा भी सरकारी स्कूल: बैठने के लिए बेंच तक नहीं, छात्र घर से लाते हैं चटाई; जमीन पर बैठकर करते हैं पढ़ाई

पूर्णिया शहर में ऐसा भी सरकारी स्कूल: बैठने के लिए बेंच तक नहीं, छात्र घर से लाते हैं चटाई; जमीन पर बैठकर करते हैं पढ़ाई

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पूर्णिया शहर में ऐसा भी सरकारी स्कूल: बैठने के लिए बेंच तक नहीं, छात्र घर से लाते हैं चटाई; जमीन पर बैठकर करते हैं पढ़ाई

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नागेश्वर कर्ण|पूर्णिया8 मिनट पहले

जमीन पर बैठकर पढ़ाई करते बच्चे।

पूर्णिया शहर के वार्ड-14 हाउसिंग काॅलोनी स्थित प्राथमिक विद्यालय है जो मुंह चिढ़ाकर सरकारी व्यवस्था का मजाक उड़ा रहा है। हाउसिंग काॅलोनी स्थित प्राथमिक विद्यालय की स्थापना वर्ष 2006 में हुई थी। यह स्कूल सिर्फ सरकारी कागज पर मौजूद है, धरातल पर नहीं। स्कूल को अपना भवन तक उपलब्ध नहीं है। सरकार ने स्कूल की घोषणा कर दी लेकिन पढ़ने के लिए भवन बनाना शायद भूल गए।

स्कूल के प्रधानाध्यापक भूपेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि स्कूल भवन नहीं होने से करीब 4 वर्षों तक तो पेड़ के नीचे छात्रों को पढ़ाया। उसके बाद स्कूल के शिक्षकों ने अपने खर्च से टीना का शेड बनाकर क्लास रूम बनाया और बच्चों को पढाने लगे। टीना के तपती हुई गर्मी में भी बच्चे पढते है। स्कूल में शिक्षकों ने अपने खर्च से पंखे लगवाए थे लेकिन वह भी चोरी हो गई।

एक ही रूम में होती है पांच तक की पढाई

इस प्राथमिक विद्यालय में पांच कक्षा तक की पढाई होती है। दो शिक्षक व दो शिक्षिका भी है। यहां तक कि स्कूल में 200 छात्र भी है। लेकिन अलग-अलग रूम नहीं होने से सभी कक्षा की पढाई एक ही रूम में होता है। प्रधानाध्यापक ने बताया कि स्कूल शिक्षा विभाग के रजिस्टर में दर्ज है। यहां तक कि 28 कट्ठा जमीन भी उपलब्ध कराया गया है। भवन निर्माण के लिए पत्र लिखा गया।

बच्चों को बैठने और पढने के लिए बेंच डेस्क तक उपलब्ध नहीं। बच्चे खुद घर से बैठने के लिए चटाई लाकर निचे जमीन पर बैठकर पढाई करते हैं। यहां तक स्कूल में दो साल से विकास अनुदान बंद है।

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