बेतिया37 मिनट पहलेलेखक: कृष्णकांत मिश्र
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व्हील चेयर पर बैठ कर बच्चों को पढ़ाती शिक्षिका अमृता प्रितम।
वाल्मीकिनगर की अमृता प्रीतम राजकीय प्राथमिक विद्यालय ठाढ़ी में शिक्षिका के पद पर 15 सालों से पदस्थापित हैं। पांच साल की उम्र से दोनों पैरों से दिव्यांग होने के बावजूद अमृता ने जीवन के कर्म पथ पर हार नहीं मानी। दोनों पैरों से दिव्यांग होने के बावजूद भी अपनी हिम्मत व हौसले के बदौलत आज अपने पैरों पर खड़ा होकर अपने तथा अपने परिवार के जीवन को सजाया और संवारा है।
अमृता ठाढ़ी के बच्चों मेंं शिक्षा का अलख जगा रही है और बच्चों को हर परिस्थिति में हिम्मत व धैर्य से काम लेकर बेहतर करने की सीख दे रही है। अमृता की तालीम की वजह से ठाढ़ी गांव के कई बच्चे सैनिक स्कूल व अन्य बेहतर संस्थानों में शिक्षा ग्रहण कर पुलिस व सेना में देश सेवा में लगे हुए है। इस हाल में अमृता की दृढ़ इच्छा शक्ति की मिसाल वाल्मीकिनगर व अन्य क्षेत्रों में दिया जाता है।
पूरा शरीर पोलियाे ग्रस्त हो गया था, पिता के प्रयास से शरीर तो ठीक हो गया, पर पैर ठीक नहीं हो सका
अमृता ने बताया कि वह जब पांच साल की थी तो पूरा शरीर पोलियाे ग्रस्त हो गया। पिता रामबहादुर सिंह व मां प्रियंबदा सिंह के अथक प्रयास के बाद शरीर तो ठीक हो गया लेकिन दोनों पैरों से वह दिव्यांग हो गई। अमृता ने बताया कि पोलियो ग्रस्त होने के बाद भी उसने हिम्मत और हौसले को बरकरार रखा। माता पिता एवं बड़ी बहन के सहयोग से उसने समाज शास्त्र में स्नातक की डिग्री भी हासिल की है। 2015 में अमृता की शादी संजय पांडेय से हुई। दोनों से एक पुत्र की प्राप्ति भी हुई है। संजय अमृता का सहारा है और अमृता पूरे परिवार की सहारा बनी हुई है। अमृता बताती है कि उसके दोनों भाई हर पल उसके सुख दुख में शामिल रहते है।
अध्यापक पिता ने बच्चों को दी अच्छी तालीम सरकारी नौकरी पाने के लिए लायक बनाया
अमृता बताती है कि वह पांच भाई बहन है। अमृता अपने दो भाई और तीन बहनों में सबसे छोटी है। अमृता के पिता राम बहादुर सिंह वाल्मीकिनगर में ही नदी घाटी योजना उच्च विद्यालय में अध्यापक के पद पर कार्यरत थे। उन्होंने अपने पांच बच्चों को अच्छी तालीम दी।
जिसकी वजह से अमृता के बड़े भाई चितरंजन कुमार प्रखंड कार्यालय घोड़ासहन में प्रधान लिपिक, बड़ी बहन महेश सिंह यादव कॉलेज गया में प्रोफेसर, एवं सबसे छोटा भाई प्रियरंजन सॉफ्टवेयर इंजीनियर के पद पर कार्यरत है। वहीं अमृता ठाढ़ी स्थित प्राथमिक विद्यालय में शिक्षिका के पद पर कार्यरत है।