Home Bihar म्यूजिकल पिचकारी बनी आकर्षण का केंद्र: रंग लगाने के साथ बच्चे पिचकारी से सुनाएंगे होली सॉन्ग; गुलाल भी उड़ेगा पिचकारी से

म्यूजिकल पिचकारी बनी आकर्षण का केंद्र: रंग लगाने के साथ बच्चे पिचकारी से सुनाएंगे होली सॉन्ग; गुलाल भी उड़ेगा पिचकारी से

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म्यूजिकल पिचकारी बनी आकर्षण का केंद्र: रंग लगाने के साथ बच्चे पिचकारी से सुनाएंगे होली सॉन्ग; गुलाल भी उड़ेगा पिचकारी से

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​​​​​​​नालंदा4 मिनट पहले

होली अब नजदीक है और बाजार भी होलियाना मूड में आ गया है। दुकानों में तरह-तरह की पिचकारियां और रंग-गुलाल बच्चों और लोगों को आकर्षित कर रही है। नालंदा के मार्केट में इन दिनों म्यूजिकल पिचकारी काफी चर्चा में बनी हुई है। पिचकारी से रंग फेंकते ही होली से जुड़े गाने बजने लगते हैं। इस बार तो गुलाल फेंकने के लिए पिचकारी बाजार में आ गई है। पर महंगाई ने यहां भी पीछा नहीं छोड़ा है। पिचकारी और रंग-गुलाल के दाम में पिछली होली के मुकाबले इस बार 20% का इजाफा देखा जा रहा है।

बच्चों को भा रहा मोटू-पतलू का मास्क और म्यूजिकल पिचकारी
बच्चों के लिए बाजार में कई तरह की पिचकारियां आ गई है। उन्हें म्यूजिकल पिचकारी और गुलाल गन काफी पसंद आ रही है। गुलाल गन का कमाल यह है कि उसमें गुलाल डालिए और बटन दबाइये। गुलाल उड़ कर सामने वाले पर गिरेगा। मोटू-पतलू, डोरेमोन और छोटा भीम पिचकारी और मास्क भी काफी चर्चा में है। होली के नजदीक आते ही मास्क और तरह-तरह की टोपियों की बिक्री भी परवान पर है।

होली में मास्क की बिक्री जोरों पर है।

होली में मास्क की बिक्री जोरों पर है।

खरीदारों की जेब पर महंगाई की मार
थोक कारोबारी रोहित कुमार बताते हैं कि पिछले साल की अपेक्षा इस बार पिचकारियों और रंग-गुलाल के दाम बढ़ गए हैं। पिछले साल से 20% का इजाफा हुआ है। बिहारशरीफ के गोलापर की पिचकारी मंडी में महंगाई की गर्मी साफ दिखती है। दुकानदारों की मानें तो एक सीजन में पिचकारी, रंग, गुलाल, मास्क और टोपियों का कारोबार नालंदा में दो करोड़ के पार हो जाता है। बाजार में 10 रुपए से 1000 तक की पिचकारियां बिक रही हैं।

हर्बल रंग और गुलाल पहली पसंद
भले ही बाजार में तरह-तरह के रंग-गुलाल बिक रहे हैं। लेकिन, हर्बल प्रोडक्ट खरीदारों की पहली पसंद बन गयी है। दाम ज्यादा रहने के बावजूद प्राकृतिक रंगों को प्राथमिकता दी जा रही है। नालंदा की मंडियों में यूपी के हथरस, कोलकाता और दिल्ली के बाजारों से रंग-गुलाल की खेप मंगायी गयी हैं। दुकानदारों का कहना है कि बदलते दौर के साथ गुलाल की मांग सबसे ज्याद बढ़ी है। जबकि, पिचकारी और रंगों की डिमांड कम होती जा रही है।

पिचकारियों से सजी दुकानें।

पिचकारियों से सजी दुकानें।

पिचकारियों की कीमत

म्यूजिक गन 200 से 400 रुपए
प्रेशर गन 30 से 250 रुपए
गुलाल गन 120 से 200 रुपए
बन्दूक 20 से 250 रुपए
टंकी पिचकारी 250 से 330 रुपए
पाइप पिचकारी 10 से 200 रुपए
रंग 10 से 100 रुपए पैकेट
गुलाल (हर्बल) 30 से 70 रुपए पैकेट
मास्क 20 से 60 रुपए पीस

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