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अफ्रीका खदान हादसा: 100 मजदूरों की मौत, 500 अभी भी फंसे

Source : lemonde.fr

अफ्रीका खदान हादसा: भूख और प्यास से 100 मजदूरों की मौत, 500 अब भी फंसे

अफ्रीका के एक प्रमुख खनन क्षेत्र में हुई इस भयावह घटना ने पूरे विश्व को हिला दिया है। यह हादसा खनन उद्योग में लापरवाही, मानवाधिकारों की अनदेखी और सुरक्षा उपायों की कमी का प्रतीक बन गया है। मलबे के नीचे फंसे मजदूरों की भूख, प्यास और ऑक्सीजन की कमी के कारण मरने वालों की संख्या बढ़कर 100 से अधिक हो गई है, जबकि 500 मजदूर अभी भी फंसे हुए हैं।


घटना का विवरण

यह त्रासदी पश्चिम अफ्रीका के एक खदान में हुई, जो क्षेत्र का सबसे बड़ा खनन केंद्र है। खदान में खनिज पदार्थों की खोज और उत्खनन के दौरान यह हादसा हुआ। खदान का एक बड़ा हिस्सा अचानक ढह गया, जिसके कारण सैकड़ों मजदूर अंदर फंस गए।

घटना के मुख्य कारण

  1. सुरक्षा मानकों की अनदेखी:
    • खदान में सुरक्षा के आवश्यक मानकों का पालन नहीं किया गया था।
    • नियमित निरीक्षण में खामियां पाई गई थीं, लेकिन उन पर ध्यान नहीं दिया गया।
  2. खनन गतिविधियों में जल्दबाजी:
    • खदान के मालिकों पर तेजी से उत्पादन का दबाव था, जिससे सुरक्षा प्रक्रियाओं को नजरअंदाज किया गया।
    • मजदूरों से अत्यधिक कार्य कराया जा रहा था, जिससे खदान की संरचना कमजोर हो गई।
  3. प्राकृतिक कारण:
    • इस क्षेत्र में भारी बारिश और भूकंप जैसे प्राकृतिक कारणों से खदान की स्थिरता पहले से ही प्रभावित थी।

मौत का कारण: भूख और प्यास

फंसे हुए मजदूरों के पास:


वायरल वीडियो: अंदर की सच्चाई

एक वीडियो, जिसे खदान के फंसे मजदूरों में से किसी ने रिकॉर्ड किया, सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इस वीडियो ने स्थिति की भयावहता को उजागर किया।


बचाव कार्य में देरी और कठिनाईयां

बचाव कार्य तेजी से चल रहा है, लेकिन:

  1. गहराई और मलबे की मात्रा:
    • खदान की गहराई और भारी मलबा हटाना बेहद कठिन है।
  2. संसाधनों की कमी:
    • स्थानीय प्रशासन के पास पर्याप्त उपकरण और कुशल कर्मियों की कमी है।
  3. मौसम का प्रभाव:
    • क्षेत्र में बारिश और अन्य खराब मौसम ने बचाव कार्य को धीमा कर दिया है।
  4. समन्वय में कमी:
    • स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के बीच समन्वय की कमी के कारण राहत कार्य धीमा हो रहा है।

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और मदद

  1. संयुक्त राष्ट्र (UN):
    • संयुक्त राष्ट्र ने इस घटना पर गहरी चिंता व्यक्त की है।
    • आपातकालीन राहत और बचाव कार्यों में मदद के लिए टीम भेजी गई है।
  2. अंतरराष्ट्रीय सहायता:
    • अमेरिका, यूरोपीय संघ, और चीन जैसे देशों ने मदद का वादा किया है।
    • विशेष उपकरण, बचाव विशेषज्ञ, और आपातकालीन राहत सामग्री भेजी जा रही है।
  3. गैर-सरकारी संगठन (NGOs):
    • रेड क्रॉस और डॉक्टर्स विदआउट बॉर्डर्स जैसी संस्थाएं फंसे मजदूरों और उनके परिवारों को सहायता प्रदान कर रही हैं।

स्थानीय जनता और मजदूर परिवारों का गुस्सा

इस त्रासदी के बाद स्थानीय लोगों और पीड़ित परिवारों में गहरा आक्रोश है।


पिछली घटनाएं और सबक

अफ्रीका में खनन दुर्घटनाएं कोई नई बात नहीं हैं।


आगे की राह: जरूरी कदम

  1. सुरक्षा सुधार:
    • खनन उद्योग में अंतरराष्ट्रीय मानकों को लागू करना अनिवार्य किया जाए।
  2. जवाबदेही:
    • खदान मालिकों और प्रबंधकों पर कानूनी कार्रवाई की जाए।
  3. स्थायी समाधान:
    • मजदूरों के लिए बेहतर सुरक्षा प्रशिक्षण और उपकरण उपलब्ध कराए जाएं।
  4. अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप:
    • विश्व स्तर पर खनन उद्योग के संचालन के लिए सख्त नियम बनाए जाएं।
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