Home Bihar अभिषेक खुद को एक सीनियर IAS का बताता था साला: पिस्टल का लाइसेंस दिलाने के नाम पर कई लोगों से ठग लिए लाखों रुपए

अभिषेक खुद को एक सीनियर IAS का बताता था साला: पिस्टल का लाइसेंस दिलाने के नाम पर कई लोगों से ठग लिए लाखों रुपए

0
अभिषेक खुद को एक सीनियर IAS का बताता था साला: पिस्टल का लाइसेंस दिलाने के नाम पर कई लोगों से ठग लिए लाखों रुपए

[ad_1]

पटना33 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक
IPS आदित्य कुमार के साथ शातिर अभिषेक अग्रवाल। - Dainik Bhaskar

IPS आदित्य कुमार के साथ शातिर अभिषेक अग्रवाल।

अभिषेक अग्रवाल के गिरफ्तार होने के बाद उसके शातिरगिरी के एक से एक कारनामे सामने आ रहे हैं। रुपए ठगने के लिए वो बार-बार अपने पैतरें बदलता रहा है। अपने फायदे के लिए ही वो IAS-IPS अधिकारियों के साथ अपनी नजदीकियां बढ़ाता रहा है। इसके पकड़े जाने के बाद अब जो बात सामने आई है, उसे जानकर आप भी हैरान में पड़ जाएंगे। शातिर अभिषेक अग्रवाल बिहार के ही एक बड़े IAS अधिकारी का नाम बेचा करता था। वो लोगों को खुद को IAS अधिकारी का साला बताया करता था। वो अधिकारी पटना के DM और कमिश्नर के पद पर रह चुके हैं। सूत्र बताते हैं कि अधिकारी से अपने रिश्ते बताकर इसने कई लोगों को ठगा है। वो भी पिस्टल का लाइसेंस दिलाने के नाम पर। जिन लोगों को इसने पिस्टल का लाइसेंस दिलाने का झांसा दिया, उन सब से इसने 2-3 लाख रुपए ठगे। सूत्र बताते हैं कि ऐसा अभिषेक अग्रवाल ने कई लोगों के साथ कर रखा है।

इस तरीके से अधिकारियों के साथ बढ़ाता था नजदीकियां

IAS-IPS अधिकारियों के बीच अपनी पैठ बनाने का अभिषेक अग्रवाल ने बहुत अच्छा तरीका अपना रखा था। दूसरे राज्य के रहने वाले अधिकारियों को ये टारगेट करता था। फिर किसी बहाने से उनसे मिलता था। इसके बाद वो अधिकारियों को फ्लैट दिलवाने में मदद करता था। किचन से लेकर बाथरूम तक ठीक कराने में उसका महत्वपूर्ण योगदान दिया करता था। सूत्र बताते हैं कि इस तरह से वो अधिकारियों के बीच पैठ बना लिया करता था।

कमीशन खिलवाने में भी है माहिर

भले ही अभिषेक अग्रवाल को फरार IPS व गया के पूर्व SSP आदित्य कुमार की मदद करने के लिए बनाए गए एक आपराधिक साजिश के तहत गिरफ्तार किया गया है। मगर, इसके पकड़े जाने से कई IAS-IPS अधिकारियों की सांसे फूल रही हैं। क्योंकि, काले कारनामों में शामिल अधिकारियों को एक बात का डर हो गया है कि अभिषेक के जरिए कहीं उनकी असलियत सामने नहीं आ जाए। दरअसल, सूत्र बताते हैं कि अभिषेक अग्रवाल ने बिहार पुलिस भवन निर्माण विभाग में अपनी पैठ बना रखी थी। इसी पैठ के जरिए वो इस डिपार्टमेंट को टाइल्स की सप्लाई किया करता था। इसके एवज में वो अधिकारियों को कमीशन के तौर पर मोटी रकम खिलाया करता था।

पुलिस अधिकारियों के साथ अभिषेक अग्रवाल।

पुलिस अधिकारियों के साथ अभिषेक अग्रवाल।

ब्लैक मनी खपाने का आरोप

पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के नाम पर बिहार के DGP को कॉल करने और फरार IPS आदित्य कुमार के लिए पैरवी करने के केस में आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने गिरफ्तार अभिषेक अग्रवाल को रिमांड पर लिया था। 48 घंटे की रिमांड के दरम्यान उससे कई बार पूछताछ हई। गुरुवार को उसे वापस जेल भेज दिया जाएगा। सूत्रों के जरिए एक और बात सामने आई है। अभिषेक पर गंभीर आरोप लगा है कि वो काली कमाई करने वाले अधिकारियों के ब्लैक मनी को वो इन्वेस्ट करता था। कुछ तो उसके टाइल्स के बिजनेस में भी पार्टनर हैं।

पहले माल पकड़वाता फिर रुपए लेकर छुड़वाता

अभिषेक अग्रवाल का एक और हैरान कर देने वाला कारनामा सामने आया है। इसके रिश्ते कई ऐसे कारोबारियों के साथ थे, जिनका लाखों रुपयों का माल अक्सर सड़क के रास्ते बॉर्डर पार कर बिहार आता था। सूत्र का दावा है कि IPS अधिकारियों के बीच अपनी पहुंच का ये नाजायज फायदा उठा रहा था। इसके इशारे पर कई कारोबारियों के माल को जांच के नाम पर बॉर्डर पर रोका गया। उसमें शराब की बोतल रखी गई। फिर माल को पुलिस अपने कस्टडी में रखती थी। इसके बाद अभिषेक अलग-अलग तरह के पैतरें बना संबंधित कारोबारी से कॉन्टैक्ट करता था। माल छुड़वाने के नाम पर कारोबारी से मोटी रकम की ठगी करता था। ऐसा कई कारोबारियों के साथ वो कर चुका है।

कोर्ट से वारंट हासिल करने जुटी EOU

दूसरी तरफ अभिषेक अग्रवाल के पकड़े जाने के बाद से IPS आदित्य कुमार लगातार फरार चल रहे हैं। EOU की टीम इन्हें तलाश रही हैं। इनके सामने नहीं आने की वजह से EOU कोर्ट पहुंच गई है। फरार IPS को गिरफ्तार करने के लिए कोर्ट से वारंट हासिल करने में जुटी है। संभावना है कि वारंट मिलते ही EOU की टीम उत्तर प्रदेश जाएगी। क्योंकि, आदित्य कुमार पड़ोसी राज्य के मूल निवासी हैं।

खबरें और भी हैं…

[ad_2]

Source link