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अररिया5 घंटे पहले
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रविवार देर शाम अररिया सदर अस्पताल में एक मरीज की मौत पर जमकर बवाल हुआ। आक्रोशित परिजनों व ग्रामीणों ने अस्पताल में जमकर तोड़फोड़ की और अधिकारियों को खरी खोटी सुनाई। इतना ही नहीं आक्रोशित ग्रामीणों ने एनएच 327 ई को अस्पताल गेट पर जाम कर दिया। लोगों ने टायर जलाकर प्रदर्शन भी किया।
घटना की सूचना मिलते ही सदर एसडीओ शैलेश चन्द्र दिवाकर,नगर थानेदार शिवशरण साह अस्पताल पहुंचे।एक घण्टे से अधिक लोगों को समझाया लेकिन कोई मानने को तैयार नहीं थे। आक्रोशित ग्रामीणों का सिर्फ यही मांग था कि ड्यूटी पर रहे इलाज करने वाले चिकित्सक डॉ राजेश कुमार साह व इंजेक्शन देने कंपाउंडर पर केस दर्ज किया जाए।
पीड़ित परिजनों ने कहा कि उन्हें तो बस इंसाफ चाहिए। समाचार प्रेषण तक एसडीओ ने कहा कि शव का पोस्टमार्टम कराया जाएगा और परिजनों को न्याय मिलेगी। मृतक मरीज का नाम मो बारीक (22) बताया गया जो नगर परिषद वार्ड 28 के मिर्जाभग का निवासी था।
परिजनों ने कहा पैदल चलकर आया मरीज,इंजेक्शन लगते ही हो गयी मौत
घटना के सम्बंध में मिली जानकारी के अनुसार वार्ड 28 के अख्तर के 22 वर्षीय पुत्र मो बारीक को कमजोरी व टैटोनि की शिकायत के बाद परिजनों ने सदर अस्पताल में साढ़े 7 बजे भर्ती कराया। बारीक के पिता अख्तर, भाभी नूरजहां ने बताया कि बारीक पैदल चलकर अस्पताल आया। वहीं प्रत्यक्षदर्शी मुन्ना ने बताया कि ड्यूटी पर कोई डॉ राजेश साह नामक चिकित्सक थे जिन्होंने पुर्जा बनाकर बारीक के शरीर को दबाया और कंपाउंडर को इंजेक्शन लगाने कहा। साथ ही बाहर से भी इंजेक्शन लाने को कहा। कंपाउंडर ने तीन इंजेक्शन तुरंत लगाया और कुछ देर बाद ही बारीक की मौत हो गयी। बारीक की मौत होने के बाद परिजन आक्रोशित हो गए।
मरीज के परिजनों ने बताया कि बारीक की मौत होते ही चिकित्सक अस्पताल से भाग गए और उसके कंपाउंडर ने अस्पताल का जो पुर्जा बना था उसे छीनकर फाड़ दिया और वह भी फरार हो गया। इसके बाद आक्रोशित लोगों ने अस्पताल में तोड़फोड़ करना शुरू कर दिया कुछ महिलाओं ने भी अस्पताल में लगे होर्डिंग और बैनर फाड़ना शुरू कर दिया।
आक्रोशित लोगों ने चांदनी चौक- जीरो माइल मार्ग एनएच 327 ई को अस्पताल के आगे बढ़िया लगा कर जाम कर दिया और टाइल लगाकर जमकर हंगामा किया। मृतक के भाई अबू तालिब ने कहा कि सदर अस्पताल की लापरवाही की वजह से उनके भाई की मौत हुई है यह जानबूझकर हत्या है।
सूचना पर पहुंचे एसडीओ-एसएचओ
इधर घटना की जानकारी मिलने के बाद सदर एसडीओ शैलेश चंद्र दिवाकर नगर थानेदार शिवचरण साह पुलिस बल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे। आक्रोशित लोगों को समझाने का प्रयास किया लेकिन 1 घंटे तक असफल साबित हुए।
एसडीओ सदर शैलेश दिवाकर ने आक्रोशित लोगों को आश्वासन दिया कि लाश का पोस्टमार्टम कराया जाएगा और आपके द्वारा शिकायत दर्ज करने के बाद प्राथमिकी दर्ज होगी। पुलिस ने आक्रोशित लोगों को समझा-बुझाकर शांत कराया और जाम भी तुड़वाया। आक्रोशित लोगों को समझाने में वार्ड संख्या 28 के नगर पार्षद प्रतिनिधि मीर बबलू, भाजपा नेता जुबेर आलम भी सक्रिय थे। समाचार प्रेषण तक अस्पताल में हंगामा जारी था और अधिकारी मौजूद थे।
घटना के वक्त जब लोग आक्रोशित थे और तोड़फोड़ कर रहे थे तो एसडीओ लगातार पुलिस अधिकारियों को फोन करके फोर्स की डिमांड कर रहे थे।ताज्जुब तो यह भी हुआ कि इतनी बड़ी घटना होने के बाद भी पुलिस विभाग के कोई बड़े पदाधिकारी घटनास्थल पर नहीं पहुंचे।नगर थानेदार जितना फोर्स लेकर गए थे उसी से काम निकाला गया।
मूकदर्शक बने थे अस्पताल के सभी सिक्यूरिटी गार्ड
बाड़ी की मौत के बाद सदर अस्पताल परिसर में जब लोग आक्रोशित होकर तोड़फोड़ कर रहे थे और हंगामा कर रहे थे तो उस वक्त सदर अस्पताल में पदस्थापित सभी सिक्योरिटी गार्ड मूकदर्शक बनकर बैठे हुए थे। सभी सिक्योरिटी गार्ड प्रसव गृह के सामने पंक्ति बंद होकर खड़े रहे। कोई भी एक गार्ड न तो आक्रोशित लोगों को समझाने में दिलचस्पी दिखाई और ना ही तोड़फोड़ रोकने में सक्रिय दिखे। इतना ही नहीं हंगामा की सूचना के बाद भी अस्पताल के अधीक्षक या फिर प्रबंधक कोई भी नहीं पहुंचे।
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