[ad_1]
पटना23 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
पटना के डिवीजनल कमिश्नर ऑफिस में पोस्टेड सीनियर डिप्टी कलेक्टर सूरज कुमार सिन्हा के बेटे आयुष की संदिग्ध मौत का मामला अब भी अनसुलझा है। उसकी मौत को आज 6 दिन हो गए हैं। लेकिन, पटना पुलिस अब तक उसके संदिग्ध मौत की गुत्थी को सुलझा नहीं पाई है।
इस बात पर संशय अब भी बरकरार है कि आयुष की मौत एक नेचुरल डेथ थी या डॉक्टर संतोष कुमार के मानस हॉस्पिटल में उसके साथ कुछ हुआ है। पटना पुलिस भी इस मामले पर अब भी कुछ खुलकर बोलने से हिचक रही है। फुलवारी शरीफ के ASP मनीष कुमार के अनुसार उनकी टीम अभी जांच कर रही है। अभी कुछ भी स्पष्ट नहीं हुआ है कि आयुष की मौत नेचुरल डेथ है या फिर उसकी हत्या हुई।
पिता को है बड़ी आशंका
16 साल के आयुष की संदिग्ध मौत 12 जनवरी को हुई थी। उसका पोस्टमार्टम पटना एम्स में हुआ था। अब सीनियर डिप्टी कलेक्टर पिता को एक बात का डर सता रहा है। पिता के अनुसार जिस मानस हॉस्पिटल में उन्होंने नशे की लत छुड़ाने के लिए अपने बेटे को एडमिट कराया था।
वहां के संचालक डॉक्टर संतोष की पत्नी पटना एम्स के प्लास्टिक सर्जरी में HOD हैं। इन्हें आशंका है कि जब आरोप डॉक्टर संतोष और उनके हॉस्पिटल के स्टाफ पर लगा है तो ऐसे में पोस्टमार्टम रिपोर्ट के साथ छेड़छाड़ हो सकती है। रिपोर्ट पूरी तरह से सही होगी? यह कह नहीं सकते।
पहले दिन से ही बना रहे हैं माहौल
आयुष की पोस्टमार्टम रिपोर्ट एम्स ने पुलिस को सौंप दिया है। लेकिन, बुधवार को पिता ने बताया कि उन्हें अब तक रिपोर्ट की कॉपी नहीं मिली है। जबकि, उन्होंने केस के आईओ से रिपोर्ट शेयर करने को भी कहा था। लेकिन, उन्होंने नहीं दिया। हालांकि, फुलवारी शरीफ के ASP ने उन्हें अपने ऑफिस आने को जरूर कहा है। मानस हॉस्पिटल और थाना की पुलिस की तरफ से कहा जा रहा है कि अनाज का दाना आयुष के खाने की नली में फंस गया था। जो उसकी मौत का कारण बनी।
इस बारे में सूरज कुमार सिन्हा का कहना है कि पहले दिन से ही माहौल बनाया जा रहा है। जब डॉक्टर संतोष ने प्रेस कांफ्रेंस किया तो तब कह रहे थे कि रिपोर्ट आने दीजिए। इन्हें बचाने में डॉक्टरों की बड़ी लॉबी लगी हुई है। मैंने पटना के IG और SSP से मिलकर हर उस प्वाइंट को उनके सामने रख दिया है, जिसे लेकर सवाल बरकार है। दोनों ही पुलिस अधिकारियों ने बेस्ट कानूनी कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है।
[ad_2]
Source link