[ad_1]
Ads से है परेशान? बिना Ads खबरों के लिए इनस्टॉल करें दैनिक भास्कर ऐप
पटनाएक घंटा पहले
- कॉपी लिंक
- वरीय अधिकारी को अंधेरे में रजिस्टर में गलत इंट्री का था आरोप
- विभागीय कार्रवाई चल रही थी आरोपित कृष्ण चंद्र सिंह पर
सरकारी काम किस गति से होता है, इसका उदाहरण गृह विभाग की आरक्षी शाखा के एक आदेश को देखकर समझा जा सकता है। 2013 में बेगूसराय के थानेदार ने एक आदमी को पीटकर हाजत में रखा था। इस मामले में उनके स्तर से की गई गलती की सजा 7 साल बाद मिली है। DSP से रिटायरमेंट के बाद अब 3 साल उनकी पेंशन से 10% काटा जाएगा।
क्या था पूरा मामला
कृष्ण चंद्र सिंह 2013 में बेगूसराय के थानेदार थे। 7 अक्टूबर 2013 को उन्होंने प्रवीण कुमार गुंजन नाम के एक व्यक्ति को मारपीट कर थाने के हाजत में बंद कर दिया। बाद में बांड भरवा कर छोड़ दिया गया। थानेदार ने इसकी सूचना अपने वरीय अधिकारी को नहीं दी। प्रवीण कुमार गुंजन को मारपीट कर थाने के हाजत में बंद करने के आरोप में दो दिन बाद इन्हें पुलिस केंद्र बेगूसराय में प्रतिनियुक्त किया गया। SP ने अपने विजिट के दौरान पाया कि प्रवीण कुमार गुंजन एवं दो अन्य के खिलाफ खुद के बयान पर सनहा दर्ज किया गया था, जिसमें पुलिस अधीक्षक के थाने में आने का गलत समय दर्शाते हुए तीन व्यक्तियों को पकड़ कर थाने में आमद दिखाया गया था। बिना अनुमति के वरीय अधिकारी के थाने में आगमन की गलत इंट्री थाने के रजिस्टर में की गई। इस गलती पर थानेदार से स्पष्टीकरण मांगा गया था, जिसमें उन्होंने आरोपों को स्वीकार किया था। इसके बाद उन पर विभागीय कार्रवाई के लिए लिखा गया।
31 जनवरी को हुए सेवानिवृत्त
31 जनवरी 2020 को DSP (आतंकवाद निरोधी दस्ता) के पद से रिटायर हुए कृष्ण चंद्र सिंह की पेंशन से 10 प्रतिशत काटने का आदेश दिया गया, जिसके बाद उन्होंने 17 नवंबर 2020 को फैसले पर फिर से विचार करने का आवेदन देते हुए आरोपमुक्त करने की अपील की है।
[ad_2]
Source link