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Heidelberg Cement: जर्मनी के हीडलबर्ग मैटेरियल्स के भारत में सीमेंट कारोबार को खरीदने की दौड़ में तीन दिग्गज शामिल हैं. इस दौड़ में आदित्य बिड़ला ग्रुप की अल्ट्राटेक सीमेंट, देश का दूसरा सबसे बड़ा सीमेंट उत्पादक अडानी ग्रुप और पार्थ जिंदल के नेतृत्व वाली जेएसडब्ल्यू सीमेंट शामिल है. बिजनेस लाइन में प्रकाशित खबर के अनुसार जेएसडब्ल्यू सीमेंट ने हीडलबर्ग मैटेरियल्स के साथ इसको लेकर अनौपचारिक बातचीत भी शुरू कर दी है. सूत्रों ने दावा किया कि हीडलबर्ग भारत से अपना कारोबार बेचने के लिए एक बोली प्रक्रिया में शामिल होगी.
हीडलबर्ग ने किसी भी तरह की टिप्पणी से किया इंकार
दूसरी तरफ हीडलबर्ग मैटेरियल्स की तरफ से इस तरह की खबरों को सिरे से खारिज करते हुए कहा गया कि हम इस तरह की खबरों पर टिप्पणी नहीं करते. इन खबरों के बीच बीएसई ने भी हीडलबर्ग सीमेंट से इस पर स्पषीकरण मांगा है. बीएसई को दिए जवाब में हीडलबर्ग ने कहा कि हम ऐसी किसी भी तरह की डेवलपमेंट से अनभिज्ञ हैं और बाजार की अटकलों पर किसी तरह का कमेंट नहीं करते. एक दिन पहले हीडलबर्ग सीमेंट के शेयर गिरकर 187.35 रुपये के स्तर पर बंद हुए.
अडानी ग्रुप देश का दूसरा सबसे बड़ा सीमेंट उत्पादक
कुमार मंगलम बिड़ला के नेतृत्व वाली अल्ट्राटेक की क्षमता 138 एमटीपीए से बढ़ाकर 200 एमटीपीए करने की योजना है. कंपनी ने अपनी ग्रे सीमेंट उत्पादन क्षमता वित्त वर्ष 2016 में 66.3 एमटीपीए से दोगुनी कर वित्त वर्ष 23 में 132.4 एमटीपीए कर दी है. दूसरी तरफ गौतम अडानी के नेतृत्व वाली अडानी सीमेंट ने भारत में स्विट्जरलैंड स्थित होलसिम के स्वामित्व वाली अंबुजा सीमेंट्स और एसीसी का अधिग्रहण किया. वह देश के दूसरे सबसे बड़े सीमेंट उत्पादक के रूप में उभरे.
अंबुजा और एसीसी दोनों की कुल क्षमता 73 एमटीपीए है. दोनों कंपनियों की वित्त वर्ष 28 तक उत्पादन क्षमता को 140 मिलियन टन तक करने की योजना है. सीमेंट की बिक्री आने वाले समय में 18-20 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है. आपको बता दें हीडलबर्ग की दमोह (मध्य प्रदेश), येरागुंटला (आंध्र प्रदेश), सीतापुरम (तेलंगाना), अम्मासंद्रा (कर्नाटक), झांसी (उत्तर प्रदेश), शोलापुर (महाराष्ट्र), चेन्नई (तमिलनाडु) और कोचीन (केरल) में अपने प्लांट्स में सालाना 13.4 मिलियन टन सीमेंट निर्माण करने की क्षमता है.
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