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राजस्थान, गुजरात, उत्तर प्रदेश और बिहार के रहने वाले अधिकांश जोड़ों की नारायण सेवा संस्थान अस्पताल में नि:शुल्क विकलांगता सुधारात्मक सर्जरी हुई।
राजस्थान, गुजरात, उत्तर प्रदेश और बिहार के रहने वाले अधिकांश जोड़ों की नारायण सेवा संस्थान अस्पताल में नि:शुल्क विकलांगता सुधारात्मक सर्जरी हुई।
पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हुए 50 से अधिक विकलांग और वंचित जोड़ों ने सोमवार को उदयपुर में एक सामूहिक विवाह समारोह में शादी के बंधन में बंध गए। नवविवाहित जोड़ों को स्वच्छता बनाए रखने के लिए अपने घरों के बाहर पौधे लगाने के लिए पौधे और कूड़ेदान भेंट किए गए।
राजस्थान, गुजरात, उत्तर प्रदेश और बिहार से ताल्लुक रखने वाले अधिकांश जोड़ों की नि:शुल्क विकलांगता सुधारात्मक सर्जरी के अस्पताल में हुई नारायण सेवा संस्थान (एनएसएस), एक परोपकारी संस्था, जिसने समारोह का आयोजन किया। उदयपुर में यह 38वां सामूहिक विवाह समारोह था, जिसमें समारोह किसी भी अन्य शादी की तरह, सभी रीति-रिवाजों और बारात के साथ हुआ।
मंच पर दूल्हा-दुल्हन ने गुलाब की पंखुड़ियों की वर्षा के बीच एक-दूसरे को माला पहनाई पंडाल सेवा महातीर्थ में तालियों और अभिवादन से गूंज उठा। वैदिक मंत्रोच्चार के साथ विवाह संपन्न हुआ मंत्र और अनुष्ठानों का पालन, सहित भागना और मेहंदी समारोह।
एनएसएस के संस्थापक-अध्यक्ष कैलाश मानव ने कहा कि विकलांग पुरुषों और महिलाओं ने अपनी आत्मा को ढूंढ लिया और धर्मार्थ संस्थान के समर्थन से शादी कर ली, जिसने उनकी सुधारात्मक सर्जरी के बाद उनके कौशल का पोषण किया और उन्हें नौकरी के माध्यम से एक स्थायी आजीविका अर्जित करने में सक्षम बनाया- उन्मुख प्रशिक्षण।
जोड़ों में, कुछ के पैर और अन्य हाथ से विकलांग थे, जबकि कुछ जोड़ों में एक अलग-अलग और एक सामान्य साथी शामिल थे। समारोह में शामिल हुए अतिथियों ने कपल्स को कपड़े और आभूषण भेंट किए। एनएसएस ने दानदाताओं की मदद से प्रत्येक जोड़े को घरेलू सामान भी मुहैया कराया।
समारोह में मुख्य अतिथि उद्योग मंत्री शकुंतला रावत ने कहा कि विकलांग जोड़े समाज की मदद से स्वस्थ और समृद्ध वैवाहिक जीवन व्यतीत करेंगे। इस अवसर पर राजस्थान विरासत संरक्षण एवं विकास प्राधिकरण के सीईओ टीकम चंद बोहरा और देवस्थान विभाग की सहायक आयुक्त दीपिका मेघवाल भी उपस्थित थे।
एनएसएस के अध्यक्ष प्रशांत अग्रवाल ने कहा कि सामूहिक विवाह समारोहों के नियमित आयोजन के साथ दहेज के खिलाफ संस्था के प्रमुख अभियान का यह 20 वां वर्ष है। उन्होंने कहा कि कई जोड़े संस्थान के व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से कुशल थे और उनमें से कुछ को एनएसएस में उन नौकरियों के लिए भर्ती किया गया था जो उनकी क्षमता के अनुरूप थीं।
श्री अग्रवाल ने कहा कि सामूहिक शादियों का उद्देश्य सामाजिक समावेश, सुलभ माहौल और प्रत्येक विकलांग व्यक्ति की जवाबदेही थी ताकि जोड़े एक सामान्य जीवन व्यतीत कर सकें और समाज की मुख्यधारा का हिस्सा बन सकें।
एनएसएस ने विकलांगों के लिए सामूहिक विवाह समारोहों के साथ-साथ कृत्रिम अंग वितरण, सुधारात्मक सर्जरी, कौशल शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल सहायता, मुफ्त भोजन की पेशकश और प्रतिभा पोषण जैसी गतिविधियां शुरू की हैं। संस्था ने उनके कौशल के पोषण के लिए वर्ल्ड ऑफ ह्यूमैनिटी फाउंडेशन भी लॉन्च किया है।
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