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पटना6 घंटे पहले
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अजीत शर्मा भागलपुर विधानसभा सीट से चुनाव जीते हैं।
- अजीत शर्मा के साथ ही पांच को मिली अन्य जिम्मेदारियां
- दिन में बैठक के दौरान भिड़ गए थे दो विधायकों के समर्थक
बिहार प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय सदाकत आश्रम में दिन में हुए हंगामे के बाद शाम तक माहौल शांत हो गया। इसी दौरान भागलपुर विधानसभा से जीते अजीत शर्मा को कांग्रेस विधायक दल का नेता भी घोषित किया गया। इसी पद के लिए दिन में बिक्रम से जीते विधायक सिद्धार्थ सौरभ और सिसवन के विधायक विजय शंकर दुबे के समर्थकों के बीच हाथापाई और गाली गलौज भी हो गई। वह भी तब, जब इसी कार्यालय में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ विधायक दल की बैठक कर रहे थे।
बिहार विधानसभा चुनाव में जीते कांग्रेस के 19 विधायकों के दल का नेता चुनने के लिए भूपेश बघेल और स्क्रीनिंग कमिटी के चेयरमैन अविनाश पांडे को अधिकृत किया गया था। शुक्रवार की शाम तक चली विधायक दल की बैठक और फिर सभी से एक-एक कर बात करने के बाद अजीत शर्मा का नाम फाइनल कर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजा गया। उनकी स्वीकृति के बाद शर्मा सहित अन्य पद धारकों के नाम का ऐलान किया गया।
कौन क्या बने?
- अजित शर्मा, विधायक दल के नेता
- मो. आफाक आलम, डिप्टी CLP लीडर
- राजेश कुमार राम, मुख्य सचेतक
- छत्रपति यादव, उप सचेतक
- प्रतिमा कुमारी दास, उप सचेतक
- आनंद शंकर, विधायक दल के कोषाध्यक्ष
सदाकत आश्रम में बैठक करते वरिष्ठ कांग्रेस नेतागण।
क्यों हुई हाथापाई और गाली गलौज
प्रदेश कांग्रेस कार्यालय सदाकत आश्रम में कांग्रेस विधायक दल की बैठक शुरू होते ही हंगामा होने लगा। बिक्रम विधायक सिद्धार्थ शर्मा को कांग्रेस विधायक दल का नेता बनाने की मांग पर गाली-गलौज से लेकर हाथापाई तक हो गई। सिद्धार्थ शर्मा को लेकर हंगामा करने वाले कार्यकर्ता इसकी भी मांग कर रहे थे कि विधायक विजय शंकर दूबे को विधायक दल का नेता नहीं बनाया जाए।
कांग्रेस की जमीन बेचने का आरोप
हंगामे के बीच कुछ कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि विजय शंकर दूबे ने कांग्रेस की जमीन बेच दी। इसके जवाब में विजय शंकर दूबे ने कहा है कि कोई किसी की जमीन कैसे बेच सकता है। राजेंद्र स्मारक समिति के पक्ष में कोर्ट ने फैसला दिया था। कांग्रेस ने इसका मुकदमा 10 -15 साल तक लड़ा। जो भी हुआ, कोर्ट के फैसले के बाद हुआ। इसलिए इस तरह का आरोप फिजूल है।
आगे की रणनीति पर चर्चा
छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल की मौजूदगी में बैठक हुई। इसमें कांग्रेस विधायक दल के नेता का नाम प्रस्तावित करके दिल्ली भेजा जाएगा। इसके साथ ही आगे की रणनीति पर चर्चा हुई। कांग्रेस के जीते 19 विधायकों में से दो कांग्रेस विधायक दल की बैठक में अनुपस्थित रहे। मनिहारी विधायक मनोहर प्रसाद और अररिया विधायक हबीबुर्रहमान नहीं आए। बताया जाता है कि दोनों कल की बैठक में मौजूद थे और कल ही लौट गए। आज की बैठक की देर से सूचना मिली, इसलिए नहीं आ पाए।
हार की समीक्षा की
विधायक दल की बैठक में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सभी विधायकों से मुलाकात की। बैठक में कांग्रेस के प्रदर्शन की समीक्षा की। किन सीटों पर क्या चूक हुई, इसकी विस्तृत जानकारी ली।
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