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पटना38 मिनट पहले
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हवा जीवन के लिए अनिवार्य है। लेकिन, पटना समेत राज्य के कई शहरों में वायु प्रदूषण इतना बढ़ गया है कि हवा लोगों के स्वास्थ्य के लिए खतरनाक बन गई है। लोग घर के अंदर और बाहर दोनों जगह प्रदूषित हवा में सांस ले रहे हैं। रविवार को इस माह का सर्वाधिक प्रदूषण रिकॉर्ड किया गया।
औसत एक्यूआई लेवल 352 के साथ पटना देश के 174 शहरों में 9वें स्थान पर रहा। लगातार छह दिन तक दिल्ली से अधिक पटना की हवा प्रदूषित रही है। राज्य के अन्य शहरों की स्थिति तो और बुरी है। रविवार को बेगूसराय का एक्यूआई लेवल 445, सीवान का 432, बेगूसराय का 408 और पटना के राजाबाजार का 404 रिकॉर्ड किया गया है। ऐसी हालत के बावजूद लोग शादी समारोहों में जमकर आतिशबाजी कर रहे हैं। पटाखे जलने से धुआं हवा में घुल-मिल रहा है। साथ ही ओस गिरने से धूलकण हवा में घुल जा रहे हैं। इससे एक्यूआई लेवल तेजी बढ़ रहा है।
कार्बन माेनो ऑक्साइड मानक से 10 गुना अधिक
पटना में लगातार पीएम 2.5, पीएम 10 और कार्बन मोनो ऑक्साइड का स्तर तेजी से बढ़ रहा है। ओस के कारण पीएम 2.5 और पीएम 10 मानक से तीन से पांच गुना अधिक हवा में फैला हुआ है। वहीं ग्रामीण इलाकों में लकड़ी और गोइठा जलाने, डीजल से चलने वाले वाहन सहित अन्य वजहों से कार्बन मोनो ऑक्साइड का स्तर बढ़ गया है। कार्बन मोनो ऑक्साइड मानक से 10 गुना से अधिक बढ़ गई है। विशेषज्ञों की मानंे तो सीओ का मानक 9 पार्ट्स प्रति मिलियन है। जबकि गांधी मैदान इलाके में 148, ईको पार्क में 112, राजा बाजार में 107, दानापुर में 121 पार्ट्स प्रति मिलियन पाया गया है।
विशेषज्ञ बोले : रोक के बाद भी छोड़ रहे पटाखेवल बढ़ गया है।
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