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एक परीक्षा आपके जीवन को परिभाषित नहीं कर सकती” – पीएम मोदी का सीबीएसई कक्षा 10 और 12 के छात्रों को संदेश

SYDNEY, AUSTRALIA - MAY 24: Indian Prime Minister Narendra Modi speaks at a joint news conference with Australian Prime Minister Anthony Albanese (R) at Admiralty House on May 24, 2023 in Sydney, Australia. Modi is visiting Australia on the heels of his and Albanese's participation in the G7 summit in Japan. (Photo by Saeed Khan-Pool/Getty Images)

नई दिल्ली, 13 मई 2025 | डीएच वेब डेस्क

देशभर के लाखों छात्रों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक भावनात्मक और प्रेरणादायक संदेश में कहा कि “एक परीक्षा आपके जीवन या भविष्य की परिभाषा नहीं हो सकती।” यह संदेश विशेष रूप से उन छात्रों के लिए था जो सीबीएसई कक्षा 10 और 12 की बोर्ड परीक्षाओं के परिणाम का इंतज़ार कर रहे हैं या हाल ही में अपने परिणामों को लेकर मानसिक दबाव में हैं।


🔷 छात्रों को मिला आत्मविश्वास का संदेश

प्रधानमंत्री ने ज़ोर देकर कहा कि परीक्षा जीवन का एक छोटा सा हिस्सा है, न कि आपके व्यक्तित्व या क्षमता का अंतिम मूल्यांकन। उन्होंने कहा:

“जीवन अवसरों से भरा हुआ है। एक परीक्षा का परिणाम आपके आत्मविश्वास को न तोड़ दे। आपकी असली यात्रा अभी शुरू हुई है, और यह असीम संभावनाओं से भरी है।”

प्रधानमंत्री मोदी ने छात्रों से अंकों के पीछे भागने के बजाय सीखने और आत्म-खोज पर ध्यान देने की अपील की।


🔷 “परीक्षा पे चर्चा” से जुड़ा संदेश

प्रधानमंत्री का यह संदेश उनके लोकप्रिय कार्यक्रम ‘परीक्षा पे चर्चा’ की सोच को आगे बढ़ाता है, जहां वे छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों से परीक्षा के तनाव को कम करने और सकारात्मक सोच के साथ परीक्षा देने पर चर्चा करते हैं।


🔷 प्रेरणादायक उदाहरण भी साझा किए

पीएम मोदी ने ऐसे कई प्रसिद्ध व्यक्तियों के उदाहरण दिए जो पढ़ाई में औसत रहे लेकिन बाद में अपनी मेहनत और जुनून से असाधारण उपलब्धियां हासिल कीं। उन्होंने कहा कि अंकों से कहीं ज़्यादा ज़रूरी है आपकी मेहनत, सोच और दृष्टिकोण।


🔷 अभिभावकों और शिक्षकों से भी अपील

प्रधानमंत्री ने अभिभावकों और शिक्षकों से भी छात्रों को समझने और सहयोग देने की अपील की। उन्होंने कहा:

“बच्चों पर अपनी अपेक्षाएं मत थोपिए। उन्हें उनकी रुचियों को पहचानने और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ने का अवसर दीजिए।”

उन्होंने यह भी कहा कि बच्चों की तुलना दूसरों से करना या केवल अंकों के आधार पर मूल्यांकन करना सही नहीं है।


🔷 समग्र शिक्षा की ओर भारत

पीएम मोदी का यह संदेश भारत की नई शैक्षिक सोच की ओर भी इशारा करता है, जिसमें रटने की बजाय समझ, सोचने की क्षमता और रचनात्मकता को प्राथमिकता दी जा रही है। यह विचार राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के अनुरूप है।


🟢 छात्रों की प्रतिक्रिया

प्रधानमंत्री के इस संदेश के बाद सोशल मीडिया पर छात्रों ने संतोष और प्रेरणा जाहिर की। कई छात्रों ने कहा कि यह संदेश उन्हें तनाव से उबरने में मदद कर रहा है और उन्हें आगे बढ़ने का हौसला मिला है।

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