Home Bihar ऐसे कैसे पढ़ेगा-बढ़ेगा बिहार? VIDEO: मुजफ्फरपुर में खतरे के निशान से ऊपर बहती नदियों को पार कर स्कूल जा रहे हैं बच्चे, खुद से नाव खे रही है बच्ची

ऐसे कैसे पढ़ेगा-बढ़ेगा बिहार? VIDEO: मुजफ्फरपुर में खतरे के निशान से ऊपर बहती नदियों को पार कर स्कूल जा रहे हैं बच्चे, खुद से नाव खे रही है बच्ची

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ऐसे कैसे पढ़ेगा-बढ़ेगा बिहार? VIDEO: मुजफ्फरपुर में खतरे के निशान से ऊपर बहती नदियों को पार कर स्कूल जा रहे हैं बच्चे, खुद से नाव खे रही है बच्ची

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मुजफ्फरपुर41 मिनट पहले

नाव से स्कूल जाते हुए बच्चे।

भास्कर को एक वीडियो मिला है। इसमें पढ़ाई के लिए जाते बच्चे हैं, चारों ओर भरा पानी है और नाव के भरोसे पढ़ाई करने जाते स्टूडेंट हैं। वे जान जोखिम में डालकर खुद से नाव खेते हुए स्कूल पहुंच रहे हैं। मुजफ्फरपुर जिले में दो महीनों के अंदर बाढ़ का कहर दूसरी बार देखने को मिला है। औराई प्रखंड के कई गांव फिर से बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। लखनदेई और मनुषमारा नदी उफान पर है। इस बीच बच्चों के लिए इस तरह से स्कूल जाना खतरे से खाली नहीं है। कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है।

नाव पर सवार बच्चे।

नाव पर सवार बच्चे।

नाव ही एक मात्र विकल्प

प्रदेश में एक से लेकर 8वीं कक्षा तक के स्कूल खोलने के आदेश जारी हो गए हैं, लेकिन औराई में सड़कें डूब चुकी है। पीपा पुल भी पानी में बह गया है। नदियां अभी भी उफान पर है। अब, बच्चों के सामने स्कूल पहुंचने का एक मात्र विकल्प नाव ही है। वीडियो में साफ दिख रहा है कि बच्चों में से ही एक लड़की नाव खेव रही है।

जिंदगी जोखिम में डालकर स्कूल जा रहे हैं बच्चे।

जिंदगी जोखिम में डालकर स्कूल जा रहे हैं बच्चे।

कभी नाव मिलती है तो कभी नहीं

वहां की एक निवासी हैं रीता देवी, वह कहती हैं- ‘एक ही नाव है, इसी पर सवार होकर बच्चे स्कूल जाते हैं। गांव के लोग भी काम के सिलसिले में जाते हैं। कभी-कभी नाव नहीं रहती है तो बच्चे स्कूल नहीं जा पाते हैं। कुछ ऐसे भी बच्चे हैं, जिन्हें नाव पर सवार होने में डर लगता है। इसके बावजूद नाव से स्कूल जाने को मजबूर हैं।’

स्कूल जाने के दौरान नाव चलाती छात्रा।

स्कूल जाने के दौरान नाव चलाती छात्रा।

दो हजार की आबादी पर एक नाव

वार्ड सदस्य पति देवेंद्र सहनी ने बताया- ‘ दो हजार की आबादी गांव की है। सिर्फ एक नाव से गुजारा करना पड़ता है। पिछले साल नाव पर सवार एक बच्चा इस नदी में डूबकर मर गया था। गांव के चारों तरफ बाढ़ है। लोग आने घरों में कैद हो गए हैं। कोई कहीं भी आ जा नहीं सकता है। ऐसे में बच्चों को स्कूल भेजना खतरे से खाली नहीं है।’

स्कूल आने के आदेश पर लगाई रोक

बच्चों के नाव पर सवार होकर स्कूल जाने का मामला जब प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी रिमी सिन्हा के पास पहुंचा तो उन्होंने तत्काल इस पर रोक लगा दी। उन्होंने कहा- ‘बच्चों को नाव से स्कूल नहीं बुलाना है। बाढ़ प्रभावित इलाके के बच्चे स्कूल नहीं आएंगे। सभी प्रधाणाध्यापकों को इससे अवगत करा दिया गया है। किसी भी हाल में बच्चों को स्कूल नहीं बुलाना है।’

इनपुट: बाबुल दीप सिंह

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