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पटना4 मिनट पहलेलेखक: बृजम पांडेय
DGP को अपने झांसे में लेने वाला अभिषेक अग्रवाल IAS-IPS से बड़ी आसानी से घुल-मिल जाता था। अभिषेक अग्रवाल की कुंडली EOU खंगाल रही है तो, कई चौंकाने वाले मामले सामने आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि अभिषेक अग्रवाल IAS, IPS, जज और नेताओं के पास पहुंचने के लिए अपनी बड़ी गाड़ी और महंगे गिफ्ट का प्रयोग करता था। अपने आप को बड़ा व्यापारी कहने वाला अभिषेक अग्रवाल अधिकारियों से ऐसे दोस्ती करता था जैसे उनका कोई सगा हो। अक्सर अधिकारियों से ‘फायदे की बात’ करता था। यह फायदा कई मायनों में अधिकारियों को लालची बना देता था।
अभिषेक अग्रवाल अधिकारियों से पहले ईमानदारी की बात करता था। अधिकारियों की खूब प्रशंसा करता था। धीरे-धीरे उनका करीबी हो जाता था, क्योंकि अभिषेक अधिकारियों को फायदा पहुंचाना चाहता था। दरअसल, अभिषेक टाइल्स का बिजनेसमैन है और अपने महंगे और इटालियन टाइल्स को लेकर वह अधिकारियों के घर में भी पहुंच बना लेता था। यहां तक कि अपने खर्च पर अधिकारियों के घर की टाइल्स बदलवा देता था। इस काम से अधिकारी और उनके परिवार वाले उससे खुश हो जाते थे। जिसका फायदा अभिषेक दूसरों पर धौंस जमाने लिए करता था।
पटना के पूर्व SSP उपेंद्र शर्मा के साथ आरोपी अभिषेक।
गृह मंत्री का पीएस बनकर भी अफसरों को फोन करता था
अभिषेक अलग-अलग लोगों को अलग-अलग आदमी बनकर फोन करके काम निकलवाता था। एक अधिकारी के मुताबिक, अभिषेक कई बार गृह मंत्री का पीएस बनकर भी अफसरों को फोन करता था। MBA कर चुका अभिषेक अच्छी अंग्रेजी और दिल्ली वाली हिंदी बोलता था। अपनी बोलचाल और शिक्षित होने का उसने खूब फायदा उठाया।
2018 में भी पुलिस ने अभिषेक को गिरफ्तार कर तिहाड़ जेल भेजा था। इसके पहले 2014 में उसने बिहार के एक पुलिस अधीक्षक को भी ब्लैकमेल किया था। उस समय पुलिस अधीक्षक के पिता से मोटी रकम की भी वसूली की थी। इसके अलावे एक अन्य आईपीएस अफसर से भी दो लाख की ठगी में इसका नाम आया था। अभिषेक अग्रवाल पर बिहार में जालसाजी के कई मामले दर्ज हैं। भागलपुर में भी अभिषेक पर मामला दर्ज है।
अभिषेक ने सोशल मीडिया का खूब उपयोग करता था
अपने इस खेल में अभिषेक ने सोशल मीडिया का खूब उपयोग करता था। अभिषेक बड़े-बड़े अधिकारियों नेताओं के साथ फोटो खिंचाकर सोशल मीडिया पोस्ट करता था, ताकि लोगों के बीच उसका रुतबा बना रहे। इस बार उसने फ्रॉड करने के लिए हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस संजय करोल की वाट्सएप डीपी और ट्रू कॉलर सेट किया था। ताकि DGP को लगे कि वही मुख्य न्यायाधीश संजय करोल है।
इसके अलावा अभिषेक अपने पर्सनल फेसबुक पर बड़े नेता और अफसरों के साथ तस्वीरें लगाता था। बहरहाल, EOU ने आरोपी अभिषेक को धोखाधड़ी, फर्जी नाम से फोन करने और साइबर केस में जेल भेजा है। साथ ही पूछताछ में जो बातें निकलकर सामने आई है उस आधार पर उस आईपीएस अफसर के खिलाफ भी केस दर्ज किया गया है।
शातिर अभिषेक के बैंक डिटेल्स को भी खंगालेगी जांच एजेंसी
आईपीएस आदित्य कुमार के साथ मिलकर बड़ी साजिश रचने वाले अभिषेक अग्रवाल के कनेक्शन को खंगाला जा रहा है। खास बात यह है कि आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) इस मामले में वित्तीय जांच करेगी। सूत्रों के अनुसार ईओयू अभिषेक अग्रवाल के बैंक डिटेल्स को भी खंगालेगी।
भास्कर एक्सक्लूसिव: फर्जी चीफ जस्टिस के ऑर्डर फॉलो करने की इनसाइड स्टोरी:DGP ने SSP को शराबकांड से बरी ही नहीं किया, पोस्टिंग की अनुशंसा भी की
बिहार पुलिस के मुखिया साइबर फ्रॉड में फंसते गए। चीफ जस्टिस के नाम पर अपराधी जो कहता गया, वह वही करते गए। विभाग के सबसे बड़े अफसर के साथ हुई इस घटना ने सिस्टम पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इससे बड़ा सवाल डीजीपी के दावे में है, कि जब उन्हें शक हो गया तो फिर IPS को शराब कांड से क्यों बरी कर दिया? भास्कर की पड़ताल में यह सामने आया है कि डीजीपी ने IPS अफसर आदित्य कुमार को शराब कांड में बरी ही नहीं किया, बल्कि मनचाही पोस्टिंग की अनुशंसा भी की थी। … पूरी खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें
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