हवेली खड़गपुरएक घंटा पहले
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कभी हवेली खड़गपुर के एसडीपीओ रहे सेवानिवृत्त वरिष्ठ पुलिस अधिकारी एवं लेखक श्री ध्रुव गुप्त जी महापर्व छठ में खड़गपुर पहुंच अपने बीते दिनों की स्मृतियों को ताजा किया। साहित्य और कविता के साथ अटूट रिश्ता रखने वाले ध्रुव गुप्ता खड़गपुर में पुलिसिंग से इतर आने साहितियक गतिविधियों के लिए खास नामचीन चेहरा रहे हैं। महापर्व छठ ल के मौके पर बुधवार की शाम उन्हीं की अध्यक्षता में हवेली खड़गपुर स्थित दयानंद केसरी उर्फ मुन्ना जी के आवास पर गीत गजलों की महफिल सजी। इस अवसर पर दयानंद केसरी ने अपनी गजल-ऐसा ना हो भीड़ में खो रहूं मैं तो प्रदीप पाल ने हताशा से भरे इस भयावह समय में कुछ अच्छे दोस्त हैं। सदानंद सिंह यादव ने रचना समाज का दर्पण हो, दिखे अक्स जिसमें सच्चाई का रचना समाज का दर्पण हो। कुमार गुड्डू ने पूछो ना कैसे मैंने रैन बिताई की प्रस्तुति देकर खूब रंग जमाया। गीत गजलों की इस महफिल में कभी ठहाके लगे तो कभी आह और वाह निकली। तकरीबन 3 घंटे तक चले इस कार्यक्रम में खूब रंग जमा कवि प्रदीप पाल, दयानंद केसरी उर्फ कुमार मुन्ना, कुमार गुड्डू, राजकिशोर केसरी, अजय चरणम, राजकिशोर केसरी ने कई गीत गजलों एवं अपनी रचनाओं की प्रस्तुति कर कार्यक्रम में वाहवाही लूटी। इस अवसर पर पत्रकार रतन कुमार झा, मोहम्मद गजनफर अली खां सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित थे।