Home Bihar काेविड अस्पतालों में मनमानी की लपटें: फायर सिस्टम जांचे बिना प्राइवेट हॉस्पिटल को बना दिया कोरोना सेंटर, मुम्बई की तरह पटना में आग का बड़ा खतरा

काेविड अस्पतालों में मनमानी की लपटें: फायर सिस्टम जांचे बिना प्राइवेट हॉस्पिटल को बना दिया कोरोना सेंटर, मुम्बई की तरह पटना में आग का बड़ा खतरा

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काेविड अस्पतालों में मनमानी की लपटें: फायर सिस्टम जांचे बिना प्राइवेट हॉस्पिटल को बना दिया कोरोना सेंटर, मुम्बई की तरह पटना में आग का बड़ा खतरा

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पटनाएक घंटा पहले

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पटना DM ने कोविड का इलाज कर रहे सभी निजी अस्पतालों को निर्दश दिया है कि अपने स्तर से अस्पताल की फायर सेफ्टी ऑडिट कराना सुनिश्चित करें। - Dainik Bhaskar

पटना DM ने कोविड का इलाज कर रहे सभी निजी अस्पतालों को निर्दश दिया है कि अपने स्तर से अस्पताल की फायर सेफ्टी ऑडिट कराना सुनिश्चित करें।

  • मुंबई के विरार में 13 संक्रमितों की जलकर हुई थी मौत
  • DM ने गठित की जांच टीम, तीन दिन में मांगी जांच रिपोर्ट

पटना में कोरोना का इलाज कर रहे प्राइवेट हॉस्पिटल को बिना जांचे ही रेवड़ी की तरह आदेश बांट दिया गया है। यहां फायर फाइटिंग सिस्टम से लेकर ऑक्सीजन तक की व्यवस्था नहीं जांची गई है। प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की इस बड़ी चूक से कभी भी पटना में मुंबई के विरार जैसी घटना हो सकती है। महाराष्ट्र में इलाज के दौरान 13 संक्रमितों की जलकर मौत के बाद अब प्रशासन को फायर फाइटिंग सिस्टम याद आया है जिसके बाद जांच की तैयारी की जा रही है।

आननफानन में दे दी अनुमति

पटना में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच ऐसे हॉस्पिटल को इलाज की अनुमति दी गई है जो मानक को पूरा करने में भी फेल हैं। वह इलाज में कैसे पास होंगे यह बड़ा सवाल है। हॉस्पिटल को अनुमति देने से पहले ऑक्सीजन की व्यवस्था से लेकर अन्य संसाधनों की जांच करनी थी लेकिन कोई ध्यान नहीं दिया गया। बस औपचारिकता पूरी कर अनुमति दे दी गई। किसी भी हॉस्पिटल में आपदा की स्थिति में बाहर निकलने का विकल्प होना चाहिए, इसके लिए प्लानिंग में ही इमरजेंसी गेट की व्यवस्था बनाई जाती है लेकिन पटना में 80 प्रतिशत हॉस्पिटल में इसकी कोई व्यवस्था नहीं है। ऐसे में किसी भी आपात स्थिति में संक्रमितों की जान कितना सुरक्षित है इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है।

मुंबई की घटना के बाद अब सताने लगी चिंता

मुंबई के विरार में एक हॉस्पिटल की ICU में हुई आगलगी से 13 लोगों की जलकर मौत हो गई। हॉस्पिटल में आग का यह पहला मामला नहीं है पहले भी ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं। मुंबई की घटना के बाद पटना में भी जिम्मेदारों को यह डर सताने लगा है कि आग का समय चल रहा है और थोड़ी सी चूक हुई तो यहां भी ऐसी घटनाएं हो सकती हैं। इस पर अब तैयारी की जा रही है। बचाव को लेकर योजना पर काम किया जा रहा है जो हॉस्पिटल में इलाज शुरू करने से पहले करना चाहिए था।

प्रशासन ने मामा आग का बड़ा खतरा

प्रशासन का कहना है कि पटना जिला कोरोना के संक्रमण की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हो रही है। कोविड संक्रमितों का इलाज विभिन्न सरकारी एवं निजी अस्पतालों में बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। इन अस्पतालों में बड़े पैमाने पर ऑक्सीजन एवं विद्युत का उपयोग किया जा रहा है। अतः इनका अग्नि सुरक्षा ऑडिट कराया जाना अत्यावश्यक है। DM डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने कहा है कि सरकारी मेडिकल कॉलेज के चिन्हित कोविड वार्, जिला प्रशासन द्वारा संचालित कोविड अस्पताल, आइसोलेशन सेंटर की अग्नि सुरक्षा ऑडिट करने के जांच दल का गठन किया गया है।

जांच दल शामिल अफसर करेंगे आग से सुरक्षा की जांच

हॉस्पिटल में आग की घटना को लेकर सुरक्षा जांच के लिए DM ने एक टीम बनाई है और आदेश दिया है कि वह सुरक्षा को लेकर पूरी प्लानिंग कर जांच करें। इस टीम में पटना के जिला अग्निशमन पदाधिकारी, संबंधित क्षेत्र के भवन प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता, संबंधित क्षेत्र के बिजली विभाग के कार्यपालक अभियंता को शामिल किया गया है। DM ने जांच टीम को आदेश दिया है कि NMCH, PMCH, IGIMS, ESIC, होटल पाटलिपुत्रा अशोका, कंगन घाट के पर्यटन सुविधा केन्द्र, राजेन्द्रनगर आई सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल आदि की फायर सेफ्टी का ऑडिट कर तीन दिन के अंदर प्रतिवेदन DM कार्यालय को उपलब्ध कराएंगे। कोविड का इलाज कर रहे सभी निजी अस्पतालों को निर्देश है कि अपने स्तर से अपने अस्पताल की फायर सेफ्टी ऑडिट कराना सुनिश्चित करेंगे ।

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