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पटना32 मिनट पहले
बिहार के शिक्षा मंत्री विजय चौधरी।
झारखंड के बाद अब बिहार के किशनगंज के सरकारी स्कूलों में शुक्रवार की छुट्टी का मामला तूल पकड़ने लगा है। अब सरकार भी इस पर गंभीर हो गई है। किशनगंज के मुस्लिम बहुल इलाकों में सरकारी स्कूलों में साप्ताहिक छुट्टी शुक्रवार को होती है। रविवार को क्लास लगती है।इसपर जमकर बवाल शुरू हो गया है।
अब बिहार सरकार ने संज्ञान लिया है। शिक्षा विभाग ने संबंधित DEO को नोटिस भेज कर जवाब मांगा है कि आखिर उनके इलाके में किन परिस्थितियों में शुक्रवार को स्कूल बंद हो रहे हैं। बिहार के शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने साफ कहा कि शिक्षा पदाधिकारी अपना जवाब देंगे। उसपर समीक्षा होगी और फैसला लिया जाएगा।
जो नियम होगा, वही फैसला लिया जाएगा: विजय चौधरी
शिक्षा मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि हाल ही में कई जगहों से सूचना आई है कि शुक्रवार को भी स्कूल बंद हो रहे हैं। जहां-जहां से सूचना आई है, वहां के डीईओ से, शिक्षा पदाधिकारी से प्रतिवेदन मांगा गया है कि वहां क्या स्थिति है। वहां छुट्टी कब रहती रहती है और किसके आदेश से छुट्टी रहती है। प्रतिवेदन का जवाब आ जाता है तो उसके मुताबिक जो नियम संगत होगा, जो वैधानिक चीज होगी, वो फैसला लिया जाएगा।
हम लोगों ने रिपोर्ट मांगी है। रिपोर्ट आ जाती है, मुख्यालय में उसकी समीक्षा कर लेते हैं कि किस स्थिति में क्या हो रहा है। यदि शुक्रवार को बंदी रहती है तो रविवार को स्कूल चलता है कि नहीं। कोई गफलत करके फायदा उठाता है कि दोनों दिन छुट्टी कर दे रहे हैं। लेकिन इतना जरूर है कि जो नियम होगा, उसी के मुताबिक निर्णय लिया जाएगा।
शुक्रवार को स्कूल बंद, रविवार को खुलता है
बिहार के मुस्लिम बहुल जिला किशनगंज के सरकारी स्कूलों में साप्ताहिक छुट्टी रविवार को नहीं बल्कि शुक्रवार को होती है। ये स्कूल रविवार को खुली रहते हैं। आमतौर पर रविवार को ही सरकारी कार्यालय और स्कूलों को साप्ताहिक छुट्टी के लिए बंद रखा जाता है, लेकिन किशनगंज में यह नियम नहीं है। अब नोटिस किया गया है।
37 स्कूलों में हो रहा
बता दें कि किशनगंज जिले के लाइन उर्दू स्कूल, उत्क्रमित मध्य विद्यालय लाइन कर्बला, उत्क्रमित मध्य विद्यालय महेशबथना, उत्क्रमित मध्य विद्यालय हालामाला, प्राथमिक स्कूल मोतिहारा समेत 37 ऐसे सरकारी स्कूल हैं जो रविवार को खुले और शुक्रवार को बंद रहते हैं। आखिर रविवार को ये 37 स्कूल किसके आदेश पर खुलते हैं और कब से ऐसा आदेश जारी किया गया, इसकी जानकारी ना तो शिक्षा विभाग के पास थी और ना ही किसी अधिकारी के पास। अब सरकार पता कर रही है कि किसके आदेश पर यह नियम चल रहा है।
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