Home Bihar कैबिनेट विस्तार में नीतीश के चौंकाने वाले फैसले: 17 साल में पहली बार शिक्षा विभाग सहयोगी को दिया तो वित्त अपने पास रखा

कैबिनेट विस्तार में नीतीश के चौंकाने वाले फैसले: 17 साल में पहली बार शिक्षा विभाग सहयोगी को दिया तो वित्त अपने पास रखा

0
कैबिनेट विस्तार में नीतीश के चौंकाने वाले फैसले: 17 साल में पहली बार शिक्षा विभाग सहयोगी को दिया तो वित्त अपने पास रखा

[ad_1]

  • Hindi News
  • Local
  • Bihar
  • Patna
  • For The First Time In 17 Years, The Education Department Was Given To A Colleague, Then Kept The Finances With Him.

पटनाएक घंटा पहले

2005 के बाद पहली बार CM नीतीश कुमार ने अपने कैबिनेट में दो बड़े बदलाव किए हैं। पहला- वित्त विभाग अपनी पार्टी के हिस्से रखा है। दूसरा- शिक्षा विभाग गठबंधन के सहयोगी को दिया। 2005 के बाद बिहार में गठबंधन की सरकार ही रही है, लेकिन इस दौरान CM नीतीश कुमार वित्त विभाग अपने पास रखने से हमेशा बचते रहे हैं। साथ ही 17 वर्षों की इस अवधि में JDU कभी भी जनता से सीधे जुड़े शिक्षा विभाग को सहयोगी के खाते में नहीं दिया है।

ऐसा पहली बार है जब जनता से सीधे जुड़े शिक्षा, स्वास्थ्य और ग्रामीण कार्य से जुड़े विभाग CM नीतीश कुमार ने अपने पास रखने के बजाए अपने सहयोगियों को दिया है। CM नीतीश कुमार का ये बदलाव चर्चा का विषय बना हुआ है।

बिहार की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना बड़ी चुनौती

वहीं एक्सपर्ट इसे तेजस्वी यादव की की टैक्टिकल चाल बता रहे हैं। उनका कहना है कि वे जानबूझ कर वित्त जैसे महत्वपूर्ण विभाग अपने पास नहीं रखे हैं। ये न केवल एक जटिल विभाग है बल्कि खास्ताहाल अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना भी एक बड़ी चुनौती है।इसलिए उन्होंने इसे JDU के हिस्से में ही रहने दिया है।

बिहार की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना सरकार के लिए बड़ी चुनौती। (फाइल फोटो)

बिहार की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना सरकार के लिए बड़ी चुनौती। (फाइल फोटो)

जिनमें सबसे ज्यादा योजना वो विभाग तेजस्वी के पास

वहीं ऐसा पहली बार हुआ है जब जनता से सीधे जुड़े वाले तीन विभाग एक मंत्री के पास है। CM नीतीश कुमार ने अपने सहयोगी RJD नेता तेजस्वी यादव को स्वास्थ्य, नगर विकास, पथ निर्माण और ग्रामीण कार्य जैसे अहम विभाग दिए हैं।बिहार सरकार फिलहाल जहां सबसे ज्यादा वैकेंसी करने वाली है उसमें शिक्षा,स्वास्थ्य और नगर विकास जैसे विभाग हैं। ये तीनों विभाग RJD के पास ही है।

सीमित आमदनी में 10 लाख रोजगार बड़ी चुनौती

सेंटर फॉर इकोनॉमिक पॉलिसी एंड पब्लिक फाइनेंस के असोसिएट प्रोफेसर सुधांशु कुमार कहते हैं कि नई सरकार का सबसे बड़ा मुद्दा नौकरी है। तेजस्वी यादव जहां 10 लाख बेरोजगारों को रोजगार देने की बात कर रहे हैं तो नीतीश कुमार उसे बढ़ाकर 20 कर दिए हैं। ऐसे में एक ऐसा राज्य जिसके पास आमदनी के सीमित साधन हो उनके लिए ये बड़ा चैलेंज हो सकता है। इसे ध्यान में रखकर भी विभागों का बंटवारा किया गया है।

नीतीश सरकार के वित्त मंत्री

नेता- पार्टी – समय

सुशील कुमार मोदी- BJP – 2005 से 2013

नीतीश कुमार- JDU – 2013 से 2014

बिजेंद्र कुमार यादव- JDU- 2014 से 2015

अब्दुल बारी सिद्दीकी- RJD – 2015 से 2017

सुशील कुमार मोदी- BJP 2017 से 2020

ताराकिशोर प्रसाद- BJP – 2020 से 2022

विजय कुमार चौधरी- अगस्त 2022 से अब तक

नीतीश के कार्यकाल में बिहार के शिक्षा मंत्री

बृशन पटेल – JDU- 2005-2008

हरिनाराय सिंह- JDU 2008-10

प्रशांत कुमार शाही- JDU- 2010-2014

अशोक चौधरी- JDU- 20015-2017

कृष्ण नंदन वर्मा- JDU – 2017-2020

मेवालाल चौधरी- JDU- 2020

विजय कुमार चौधरी- JDU- 2020-2022

चंद्रशेखर – RJD- 2022 से अब तक

खबरें और भी हैं…

[ad_2]

Source link