Home Bihar कैमूर में पूर्व कृषि मंत्री ने सरकार पर साधा निशाना: सुधाकर सिंह बोले- इस सरकार में एक मालिक, बाकी सारे मंत्री की हैसियत चपरासी के बराबर

कैमूर में पूर्व कृषि मंत्री ने सरकार पर साधा निशाना: सुधाकर सिंह बोले- इस सरकार में एक मालिक, बाकी सारे मंत्री की हैसियत चपरासी के बराबर

0
कैमूर में पूर्व कृषि मंत्री ने सरकार पर साधा निशाना: सुधाकर सिंह बोले- इस सरकार में एक मालिक, बाकी सारे मंत्री की हैसियत चपरासी के बराबर

[ad_1]

  • Hindi News
  • Local
  • Bihar
  • Kaimur
  • Former Agriculture Minister Targeted The Government In Kaimur, Sudhakar Singh Said In This Government One Owner, The Status Of All Other Ministers Is Equal To That Of A Peon

कैमूर24 मिनट पहले

पूर्व कृषि मंत्री और राजद विधायक सुधाकर सिंह ने खरवार आदिवासी समाज अभिनंदन समारोह को संबोधित करते हुए रविवार को कैमूर जिले के हाटा में कहा कि इस सरकार में दो तरह के लोग हैं। एक मालिक है और बाकी लोग मुख्तार हैं‌। यही नहीं आदिवासी खरवार समाज के सवाल पर कहा कि यह समाज अपनी सामाजिक और आर्थिक पहचान के लिए संघर्ष कर रहा है। लेकिन इस विभाग के मालिक नीतीश कुमार हैं। 2 साल से चैनपुर विधानसभा से विधायक और मंत्री है पर ये बात मुख्यमंत्री तक पहुंच आएगा कौन।

रोजगार के सवाल पर कहा कि बिहार के भीतर 10- 20 लाख लोगों रोजगार और नौकरी देने की बात की जा रही है यह ठीक वैसे ही बात है जैसे केंद्र की सरकार 15 लाख के जुमले सुना रही थी। फिलहाल बिहार सरकार भी 10- 20 लाख लोगों को रोजगार नौकरी देने की जुमला बांट रही है। दरअसल यह सरकार वोट बैंक की राजनीति कर रही है। यही कारण है कि आदिवासी समाज को न सामाजिक पहचान मिल पाया और ना ही आर्थिक। क्योंकि उनको पता है इनकी संख्या कम है‌‌। चुनाव के दौरान वोट देने जाएंगे जहां मेरे लठैत इनसे वोट ले लेंगे। यही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि यह सरकार पुरानी है।

पिछले 17 सालों से बिहार में सत्ता पर काबिज है। उसमें हम लोग नए हैं। नए लोगों की कितनी बात सुनी नहीं जाती। किसी से छुपा हुआ नहीं है। जिन मुद्दों को मैंने विधायक नहीं रहने से पहले उठाया था विधायक बनने के बाद वह मुद्दा मेरे साथ है। विधानसभा के भीतर भी किसानों के सवाल पर मैंने संघर्ष किया जब मंत्री बना तो मेरी बात जो किसानी खेती किसानी से जुड़ी हुई थी नीतीश कुमार नहीं समझ सके। लिहाजा मैंने इस्तीफा दे दिया। अगर हम बदले हुए लोग होते तो 2009 में ही विधायक और मंत्री बन जाते। हमें पता है लोगों को भी पता है काम पर वोट नहीं मिलता। जाति और धर्म और मंच के नारों से जब वोट मिल ही जाता है काम क्या करना है। इस सरकार में एक मंत्री की हैसियत चपरासी के बराबर होती है।

मंत्री पूरी तरह से सरकार के रबर स्टैंप होते हैं। हालांकि हमारी पार्टी के नेता तो अच्छे हैं लेकिन बगल वाली पार्टी के नेता अगर अच्छे थे तो हम लोगों से अलग क्यों हुए। खुद 17 सालों से मालिक हैं और सबको मुख्तार बनाए हुए हैं। मुद्दों को लेकर मेरी राजनीति होती रहेगी। सदन से लेकर सड़क तक आवाज उठाता रहूंगा। क्योंकि आप सभी के वोट से मैं 5 साल के लिए विधायक बना हूं और मंत्री नीतीश कुमार बनाए थे। बीच में हट गए।

आदिवासी समाज के संदर्भ में कहा कि पहाड़ से लेकर जमीन तक बसे खरवार समाज आज के दौर में भी सामाजिक आर्थिक और राजनीतिक संकट से जूझ रहा है। लेकिन सरकार को सिर्फ काम के नाम पर वोट बैंक की राजनीति करनी है। जाति धर्म मजहब और मंच के जरिए नारों से वोट हासिल हो रहा है यही कारण है कि आज की तारीख में किसान का बेटा किसान नहीं बल्कि चपरासी बनना पसंद करता है। पूरे देश में खेती किसानी संकट के दौर से गुजर रही है। किसान हर दिन कमजोर और गरीब होते जा रहा है जिन की बात सुनने वाला कोई नहीं है।

खबरें और भी हैं…

[ad_2]

Source link