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पटना22 मिनट पहले
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- स्वास्थ्य विभाग के संजीवन एप में में भी कोरोना के गंभीर मरीजों के साथ हो रहा धोखा
- एप में हॉस्पिटल में बेड की संख्याा से लेकर खाली बेडों की स्थिति सब है गलत
कोरोना काल में भी सरकारी सिस्टम झूठ बोल रहा है। दावा किया जा रहा है कि मरीजों संख्या की अपेक्षा बेड खाली पड़े हैं। स्वास्थ्य विभाग के संजीवन एप की इस झूठ का खुलासा दैनिक भास्कर की पड़ताल में हुआ है। स्वास्थ्य विभाग जिस अस्पताल में बेड खाली बता रहा है, वह भास्कर की पड़ताल में पूरी तरह फुल मिले हैं। पटना में 54 हॉस्पिटल की पड़ताल शनिवार को दोपहर 3 बजे की गई, जब सरकार की तरफ से कुल 1904 बेड में 1145 बेड काे खाली बताया जा रहा था। भास्कर की यह पड़ताल आपकी आंखें खोल देंगी, स्वास्थ्य विभाग के दावे और हकीकत में जमीन आसमान का फर्क खुद देख लें।
संजीवन मोबाइल एप से सरकार का दावा
संजीवन मोबाइल एप बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग का है। सरकार की तरफ से दावा किया जाता है कि यह आमजन के लिए काफी मददगार है। कोरोना जांच के लिए रजिस्ट्रेशन, कोरोना जांच के लिए नजदीकी हेल्थ सेंटर की जानकारी से लेकर नजदीकी कोविड टेस्टिंग सेंंटर और कोविड हॉस्पिटल की जानकारी मिल जाती है। इस एप के जरिए प्लाज्मा डोनेट करने और रिक्वेस्ट करने की भी सुविधा दी गई है। जिला वार अस्पतालों का पूरा विवरण GPS के साथ दर्ज है। लाइव चैट और वन टच कॉल का विकल्प भी इस एप में दिया गया है। प्रदेश के सभी जिलों के इमरजेंसी नंबरों के साथ कोरोना काल में घर बैठे हॉस्पिटल में बेड खाली होने की जानकारी लेने का भी दावा किया जाता है।
पड़ताल में ऐसे खुली दावे की पोल
दैनिक भास्कर ने पड़ताल में संजीवन एप पर पटना के अस्पतालों की सूची खंगाली। इसमें 54 हॉस्पिटल का नाम दर्ज है। इसमें सरकारी कम प्राइवेट अधिक हैं। सरकार के दावों की बात करें तो शनिवार को शाम 3 बजे 54 हॉस्पिटल में कुल 1904 बेड की व्यवस्था बताई गई थी। एप में हॉस्पिटल की लोकेशन के साथ दो जानकारी दी गई है। एक बेड की संख्या और दूसरी खाली बेड की संख्या। खाली बेड के स्टेटस को जांचने के लिए भास्कर ने एक एक-कर सभी हॉस्पिटलों को फोन लगाया और बेड की जानकारी मांगी। जिस हॉस्पिटल में बेड खाली होने का दावा किया जा रहा था, उस समय उस हॉस्पिटल में एक भी बेड खाली नहीं बताया गया। हॉस्पिटल की तरफ से बताया गया कि बेड फुल हैं।
एप में जगदीश के 11 बेड खाली, हॉस्पिटल बोला फुल
संजीवन एप में जगदीश मेमोरियल हॉस्पिटल में जिस समय 11 बेड खाली बताए जा रहे थे, उसी समय जब भास्कर ने हॉस्पिटल को फोन किया तो पता चला सब फुल है। एक दो नहीं, 54 हॉस्पिटल में भास्कर ने पड़ताल के लिए फोन किया, लेकिन कहीं भी विभाग द्वारा दी गई जानकारी सही नहीं मिली है। हर हॉस्पिटल का एक ही जवाब था। बेड नहीं है। पड़ताल में एक भी हॉस्पिटल से मिली जानकारी सरकार के एप से टैली करने वाली नहीं थी। घंटों हुई पड़ताल में संजीव एप कहीं से भी बिहार के लोगों के लिए संजीवनी होती नहीं दिखी, जैसा स्वास्थ्य विभाग और बिहार सरकार का इसे लेकर दावा किया जाता रहा है।
स्वास्थ्य विभाग बोल रहा सही या हॉस्पिटल दे रहे गलत जानकारी
कौन सही बोल रहा है, स्वास्थ्य विभाग या हॉस्पिटल यह तो सिस्टम ही जाने, लेकिन इस एप को जिसने भी संजीवनी मानकर बिना पड़ताल किए हॉस्पिटल पहुंचा है वह मायूस लौटा है। कोरोना काल में संदिग्ध मरीजों का घर से निकलना मुश्किल है और इसके बाद भी वह रिस्क लेकर खतरों के साथ हॉस्पिटल पहुंचता है तो उसे बेड फुल होने की बात कहकर वापस कर दिया जाता है। एप में बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग के दावों और पड़ताल में हॉस्पिटल की हकीकत ने व्यवस्था की पोल खोलने का काम किया है।
आप भी कर लीजिए सिस्टम के झूठे दावों की पड़ताल
अगर आप भी बिहार सरकार के सिस्टम के झूठे दावों की पड़ताल करना चाहते हैं और यह जानना चाहते हैं कि इस कोरोना काल में सरकार कितनी गंभीर है तो मोबाइल में स्वास्थ्य विभाग के संजीवन एप से कर सकते हैं। गूगल प्ले स्टोर पर जाकर बिहार सरकार के संजीवन एप को डाउनलोड करें। इसके बाद अपने नाम और मोबाइल नंबर से इस एप को रजिस्टर्ड कर लें। फिर एप को ओपन करें और नजदीकी कोविड हॉस्पिटल के विकल्प में जाएं। यहां आपके लोकेशन और जिला का ऑप्शन आएगा। जिला के विकल्प का चयन कर लें फिर हॉस्पिटल की सूची आपके सामने होगी। हॉस्पिटल के नाम के साथ वहां मौजूद कुल बेड और खाली बेडों की पूरी जानकारी आएगी। आप हॉस्पिटल के नाप पर क्लिक कर उसका लोकेशन भी जान सकते हैं। संबंधित हॉस्पिटल का नंबर लेकर कुल बेड और खाली बेड की पड़ताल खुद कर लीजिए, आंख खुल जाएगी।
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