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- Bihar News; No Member Of The House Is Ready To Go To Ghat In Patna, Cremation Is Being Done By Mother Vaishnav Devi Seva Samiti
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पटना22 मिनट पहले
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समिति अब तक 150 दाह संस्कार करवा चुकी है।
वैष्णव देवी सेवा समिति वैसे लोगों की मदद कर रही है जिनके पास इस कोरोना-दौर में दाह संस्कार के लिए या तो पैसे नहीं हैं या कंधा देने वाले चार लोग भी नहीं हैं। समिति के संस्थापक सदस्य मुकेश हिसारिया घाट पर खुद से जा रहे हैं और इसकी मॉनिटरिंग भी कर रहे हैं। गुरुवार की सुबह सुनील कुमार नामक व्यक्ति ने गूगल से नंबर खोजकर मुकेश हिसारिया को फोन किया कि पटना के राजेन्द्र नगर में एक महिला की मौत हो गई है और उसकी आठ साल की बच्ची है। दाह संस्कार तक करने वाला कोई नहीं है। मां वैष्णव देवी सेवा समिति ने उसके दाह संस्कार की व्यवस्था करायी।
बांस घाट और गुल्बी घाट पर दाह संस्कार पूरे विधान से कराते हैं दाह संस्कार किस तरह से कराते हैं ? इसके जवाब में मुकेश बताते हैं कि बांस घाट और गुल्बी घाट के दो दुकानदारों से उन्होंने 2 अप्रैल 2020 को बात की है और उसी के अनुसार एक एंबुलेंस रखा गया है जिस पर घर से बॉडी उठाकर घाट तक लाया जाता है। इसके साथ ही दोनों घाटों पर एक-एक हजाम और एक-एक पंडित निर्धारित हैं जो अंतिम संस्कार से जुड़े विधि विधान को संपन्न कराते हैं। दो स्टाफ रखे गए हैं जो अर्थी को सजाते हैं। उसमें बांस की अर्थी, रामनामी कपड़े से लेकर फूल, माला, हुमाद आदि सभी की व्यवस्था रहती है। दोनों घाटों पर मुखाग्नि और घाट छुड़ाने का पैसा भी समिति की ओर से दिया जा रहा है। अभी विद्युत शवदाह गृह में सरकार की ओर से 350 रुपए नहीं लिया जा रहा है। वे बताते हैं कि जो लोग चाहते हैं कि लकड़ी पर दाह- संस्कार किया जाए उनका दाह संस्कार लकड़ी पर कराया जा रहा है। जो समर्थ लोग होते हैं वे खर्च का भार उठाते हैं, लेकिन असमर्थ लोगों का पूरा खर्च समिति वहन करती है। मां वैष्णव देवी सेवा समिति में 300 मेंबर्स हैं उन्हीं के आर्थिक सहयोग से यह किया जा रहा है। समिति अब तक 150 दाह संस्कार करवा चुकी है। इस मद में समिति एक लाख 23 हजार रुपए खर्च कर चुकी है।
दधीचि देह दान समिति गुल्बी घाट पर खाना पहुंचा रही
गुल्बी घाट पर पार्थिव शरीर के अंतिम संस्कार का इंतजार कर रहे परिजनों के लिए एक समय का खाना जिसमें 6 पूरी, सब्जी और पानी होता है उपलब्ध कराया जा रहा है। प्रतिदिन 100 लोगों का खाना बन रहा है। मुकेश बताते हैं कि खाना की व्यवस्था दधीचि देह दान समिति की ओर से किया जा रहा है।
घर के एक व्यक्ति का होना जरूरी
हिसारिया कहते हैं कि अभी स्थिति यह है कि जो समर्थ लोग हैं वे भी परिजनों के दाह संस्कार के लिए घाट जाने से किनारा कर रहे हैं। लेकिन सरकार की ओर से नियम बना दिया गया है कि पार्थिव शरीर के साथ परिवार का एक आदमी का होना जरूरी है ताकि सही तरीके से निगम की रसीद आदि कट सके।
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