कोसी बराज किनारे छठ करने पर रही पाबंदी: महापर्व संपन्न }36 घंटे से चले आ रहे निर्जला व्रत का छठव्रतियों ने घाट के अंकुरित अनाज से किया पारण

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वीरपुरएक घंटा पहले

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दंडप्रणाम करती छठव्रती महिला व पुरुष

उदीयमान भगवान भास्कर को अर्घ्य देने के साथ ही चार दिवसीय महापर्व छठ का समापन हो गया। छठव्रतियों ने भी 36 घंटे से चले आ रहे निर्जला व्रत का घाट के अंकुरित चना रुपी प्रसाद से पारण किया। छठ व्रतियों के कोसी बराज जाने पर लगी रोक के बाद अनुमंडल और नगर प्रशासन ने हहिया धार पर छठ को लेकर वैकल्पिक व्यवस्था बनाई थी। जहां वीरपुर के हहिया धार स्थित विभिन्न वार्डों में छठ को लेकर घाट बनाए गए थे। इस दौरान घाटों पर छठव्रतियों सहित श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। कोरोना काल से सील भारत-नेपाल की सीमा दशहरे के समय खोली गई। तब भारतीय प्रक्षेत्र के लोगों में दो साल बाद कोसी नदी के कोसी बराज पर छठ मनाने की उम्मीद जगी थी। लेकिन अधिक पानी होने और छठ घाट को लेकर नेपाल व स्थानीय प्रशासन की पहल नहीं होने से एक बार फिर से भारतीय प्रक्षेत्र के लोगों को छठ मनाने को लेकर निराशा हाथ लगी। लोग कोसी बराज नही जाकर नगर पंचायत प्रशासन द्वारा निर्धारित हहिया धार किनारे बने घाट पर ही छठ मनाया। दूसरी आेर रानीपट्टी हहिया धार छठ घाट पर भारी संख्या में पुलिस की तैनाती रही। इसके अलावा मेडिकल टीम भी प्रतिनियुक्त की गई थी। जहां बुधवार की शाम 04 और गुरुवार की सुबह 08 कुल 08 लोगों को कोविड 19 का वैक्सीन दिया गया। घाट पर एंबुलेंस के अलावा अग्निशामक की गाड़ी भी आपात स्थिति के लिए रिजर्व रखी गई थी। बुधवार की संध्या भारी भीड़ को लेकर ट्रैफिक की समस्या बनी रही। इस दौरान पैदल चलने वाले छठव्रतियों और उनके परिजनों को मामूली परेशानी झेलनी पड़ी। जहां पुलिस की मुश्तैदी के बाद आवागमन सामान्य हुआ। पूजा के दौरान घाटों पर कई व्रतियों को दंड प्रणाम देते भी देखा गया। गुरुवार की सुबह वीरपुर हवाई अड्डा छठ घाट पर भीड़ लगी रही। एसएसबी घाट पर अनुमंडल सहित नगर प्रशासन के पदाधिकारी मौजूद रहे। इसको लेकर एसडीएम कुमार सत्येंद्र यादव ने कहा कि शांतिपूर्ण माहौल में छठ महापर्व अनुमंडल क्षेत्र में संपन्न हो गया है। किसी भी अप्रिय घटना की सूचना नही है।

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