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Congress Income Tax Case: लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) से पहले बीजेपी और कांग्रेस में ठन गई है. कांग्रेस ने इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से पार्टी के बैंक अकाउंट फ्रीज किए जाने पर बीजेपी को घेरा है. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि चुनाव से पहले उनके बैंक अकाउंट फ्रीज कर दिए गए हैं. उनके पास पोस्टर छपवाने, टिकट बुक करवाने तक के लिए पैसे नहीं है. प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कांग्रेस ने आरोप लगाए कि उनके और सहयोगी संगठनों के करीब 11 खातों को सील कर दिया गया है. वहीं बीजेपी ने कांग्रेस के हमले को उनका अल्पज्ञान करार दिया. बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि “इनकम टैक्स का एक सेक्शन 13ए के तहत सभी राजनीतिक दल को इनकम टैक्स में छूट मिलती है, लेकिन उसके साथ ही उन राजनीतिक दलों को अपना रिटर्न फाइल करना होता है.” इस पूरे विवाद में इनकम टैक्स की 13A का जिक्र बार-बार हुआ है. आइए समझते हैं कि ये 13ए है क्या और कैसे इसने कांग्रेस का बैलैंस बिगाड़ दिया है.
राजनीतिक पार्टियों को इनकम टैक्स में छूट
इनकम टैक्स के नियम के मुताबिक भारत में राजनीतिक दलों को आयकर की छूट मिलती है. उन्हें इनकम टैक्स नहीं देना पड़ता है. जिस तरह से आम करदाताओं (Taxpayers) को अलग-अलग सेक्शन जैसे 80C, 80D में टैक्स में छूट मिलती है. उसी तरह से राजनीतिक पार्टियों को आयकर नियम के 13A के तहत टैक्स में छूट मिलती है. आयकर नियम के मुताबिक जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा-29A के तहत रजिस्टर्ड सभी राजनीतिक दलों को इनकम टैक्स के सेक्शन 13A के तहत इनकम टैक्स में 100 फीसदी की टैक्स छूट मिलती है.
टैक्स में छूट तो फिर कैसे बिगड़ा कांग्रेस का बैंक बैलेंस
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से बैंक खातों के सीज किए जाने को लेकर कांग्रेस ने ITAT में स्टे एप्लिकेशन दिया, लेकिन उसे खारिज कर दिया गया. आपके मन में भी सवाल उठ रहे होंगे कि जब राजनीतिक पार्टियों को टैक्स में छूट मिलती है तो फिर कांग्रेस क्यों मुश्किल में फंसी. दरअसल अपनी लापरवाही की वजह से कांग्रेस का बैंक बैलेंस बिगड़ा है. नियम के मुताबिक राजनीतिक दलों को सभी तरह के इनकम पर जैसे कि ब्याज, घर, प्रॉपर्टी, चंदा आदि सब पर इनकम टैक्स में 100 फीसदी की टैक्स छूट मिलती है. हालांकि पार्टियों को 20 हजार से अधिक के इनकम की पूरी डिटेल अपने पास रखनी होती है.
क्या कहता है 13A का नियम
आयकर कानून की धारा-13A के तहत राजनीतिक दलों को अपने बैंक अकाउंट का रिटर्न दाखिल करना भी जरूरी है. राजनीतिक पार्टियों को जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा-29C अपनी ऑडिट रिपोर्ट चुनाव आयोग को भेजनी होती है. वहीं पार्टियों को आयकर विभाग में हर साल तय समयसीमा के भीतर इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करना होता है. इसी नियम में कांग्रेस फंस गई है. इनकम टैक्स की धारा-139(4B) के मुताबिक राजनीतिक दलों को वक्त पर टैक्स रिटर्न फाइल करना होता है. तय तारीख पर रिटर्न दाखिल नहीं करने पर पार्टियों को इनकम टैक्स में मिलने वाली छूट रद्द हो जाती है. ऐसा होने पर राजनीतिक पार्टियों को भी देश के आम नागरिकों की तरह टैक्स भरना होता है.
कांग्रेस की अनदेखी का नतीजा
कांग्रेस पार्टी की ओर से भी साल 2017-18 में इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने में अनदेखी हुई. जिसे लेकर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ओर से उन्हें कई बार नोटिस भेजा गया. पार्टी ने आयकर रिटर्न दाखिल करने में देरी क्या कि अब उनके बैंक अकाउंट फ्रीज हो गए. आयकर विभाग ने कांग्रेस को वित्त वर्ष 1993-94 के लिए अलग नोटिस भेजा है इनकम टैक्स विभाग ने कांग्रेस को 210 करोड़ रुपए की डिमांड जेनरेट किया. कांग्रेस ने इस डिमांड को चुनौती दी है. कांग्रेस को अपने खाते में 115 करोड़ रुपए मेंटेन करने का आदेश दिया गया. हालांकि कांग्रेस आरोप लगा रही है कि रिकवरी के नाम पर आयकर विभाग ने खाते में पड़े 65 करोड़ रुपए निकाल लिए हैं.
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