Home Bihar खगड़िया के आश्रय भवन की स्थिति बदहाल: पीने का पानी भी नसीब नहीं, सोने के लिए मिल रहा गंदा कंबल

खगड़िया के आश्रय भवन की स्थिति बदहाल: पीने का पानी भी नसीब नहीं, सोने के लिए मिल रहा गंदा कंबल

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खगड़िया के आश्रय भवन की स्थिति बदहाल: पीने का पानी भी नसीब नहीं, सोने के लिए मिल रहा गंदा कंबल

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खगड़ियाएक घंटा पहले

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खगड़िया का आश्रय भवन। - Dainik Bhaskar

खगड़िया का आश्रय भवन।

खगड़िया में ठंड का प्रकोप जारी है। सुबह से शाम तक लोग सूर्य की रोशनी के लिए तरस रहे हैं। ऐसे में जगह जगह अलाव जलाकर ठंड के प्रकोप बचने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में दैनिक भास्कर ने मंगलवार को शहर के अंदर ठंड को लेकर सरकारी व्यवस्था की पड़ताल की तो स्थिति चौंकाने वाली मिली।

खगड़िया में प्रशासन द्वारा न तो कहीं अलाव की व्यवस्था की गई है और न ही आश्रय भवन को लोगों के ठहरने लायक बनाया गया है। आश्रय भवन ठहरने वालों को गंदे कंबल और बिछावन दिए जा रहे हैं। लोग यहां मच्छर के आतंक से भी दोचार होने को मजबूर हैं। और तो और यहां बेसहारा गरीबों को 2 वक्त की रोटी भी नसीब नही है।

खुली खिड़की में एक कंबल के सहारे ठंड से मुकाबला
खगड़िया बस स्टैंड पर बनाये गए आश्रय भवन बीते कई वर्षों से संचालित है। वर्तमान में यहां 1 मैनेजर सहित 3 केयरटेकर और एक सफाई कर्मी की नियुक्ति है। इस भवन में इक्का दुक्का ही लोग ठहरते हैं। लोगों को यहां नगर परिषद की ओर से एक कंबल और एक बिछावन दिया जा रहा है। जिससे धूल निकल रहा है।

वहीं, यहां रहने वालों को पीने का जल भी नहीं मिल पा रहा। साथ ही आश्रय स्थल में संचालित रसोई को बंद कर दिया गया है। जिसके कारण यहां अगर कोई गरीब आश्रय लेता है तो उसे भूखे पेट सोना पड़ रहा। वहीं आश्रय स्थल के भवन में बने खिड़की के सीसे या तो टूट गए हैं या उसे खाली ही छोड़ दिया गया है। जिसके कारण यहां रुकने वालों को ठंड हवा में रात गुजारनी पड़ रही है।

इक्का दुक्का ही ठहरते हैं लोग
आश्रय भवन की पड़ताल के दौरान वाहन नगर परिषद के नगर मिशन प्रबंधक धर्मेंद्र कुमार मिले। जिन्होंने बताया कि जो भी सुविधा उपलब्ध है उसके अनुसार यहां कार्य किये जा रहे हैं। उनके द्वारा बीते 22 दिसम्बर से यहां रुकने वालों की संख्या करीब 32 बताई गई। बताया गया कि लोगों को यहां ठंड ज्यादा लगता है इसलिए वे यहां रुकना नही चाहते हैं।

महिलाओं के लिए व्यवस्था शून्य
आश्रय भवन को नगर परिषद ने महिला व पुरूषों को ठहरने को लेकर बनवाया था। बावजूद यहां रुकने वालों में महिलाएं काफी कम हैं। बताया जा रहा है कि यहां महिला के रुकने का कोई विशेष व्यवस्था नहीं है। इसलिए महिला यहां नहीं रुकती हैं। जबकि शौचालय में भी गंदगी का अंबार लगा है।

रात होते ही बन जाता है नशेड़ियों का अड्डा
बस स्टैंड पर बने आश्रय भवन स्थल के आस पास नशेड़ियों की जमघट लगती है। स्थानीय लोगों ने बताया कि जैसे जैसे शाम ढलती जाती है वैसे वैसे इस भवन के अंदर व बाहर नशेड़ी की जमघट लग जाती है। जिसके कारण रात में आने वाले लोग डर भय से यहां शरण नहीं लेते हैं।

संचालन कमिटी के लिए होगा गठन
इस मामले में नगर परिषद खगड़िया के कार्यपालक अधिकारी राजीव कुमार ने बताया कि आश्रय भवन में अभी संचालन कमिटी के गठन नही हुआ है। उसके गठन के बाद सब कुछ ठीक हो जाएगा। उन्होंने बताया कि यहां रसोई भी जल्द शरू करवाई जाएगी। ताकि बेसहारा लोगों को यहां आश्रय मिल सके।

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