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- Increased Risk Of Flood In Patna, Water Flowing Over The Dam In Many Areas; Bihar Bhaskar Latest News
पटना20 मिनट पहले
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बोरियां रखकर पानी के बहाव को रोकने की कोशिश।
पटना में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। कई इलाकों में नदियां लाल निशान पार कर चुकी हैं। प्रशासन बांधों के उपर बह रहे पानी को कंट्रोल करने के लिए रेत से भरी बोरियां लगा रहा है। नदियों का जल स्तर ऐसे ही बढ़ता रहा तो पटना में भी बाढ़ का खतरनाक मंजर देखने को मिल सकता है।
खतरे का निशान पार कर गई नदी
दरधा नदी का पानी खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है। कई जगह, विशेषकर कोल्हाचक, सतपरसा, गुलरियाबिगहा, रूपसपुर सहित अन्य दर्जनों इलाकों में तटबंध से ऊपर पानी बह रहा है। इससे खतरा बढ़ गया है। बाढ़ प्रभावित इलाकों में सामुदायिक रसोई चलाई जा रही है।
कोल्हाचक मुसहरी के प्रभावित 40 परिवारों के बीच सोमवार से ही सामुदायिक रसोई शुरू कर दी गई है। दरधा नदी के बांध पर कई जगहों पर दबाव बना है, जिसकी मरम्मत का काम भी तेजी से चल रहा है।
बाढ़ प्रभावित इलाकों में जायजा लेने के लिए पहुंचे पटना के DM डॉ. चंद्रशेखर सिंह।
जहानाबाद से आ रहा पानी
पटना जिला प्रशासन के मुताबिक जहानाबाद का पानी दरधा नदी में आता है। फतुहा प्रखंड के दो बरसाती नदियों भुतही और महात्माइन में पानी ज्यादा है। मसाढ़ी पंचायत के दौलतपुर गांव में पानी फैला है। जिलाधिकारी डॉ चंद्रशेखर सिंह ने संबंधित अनुमंडल पदाधिकारी अंचलाधिकारी प्रखंड विकास पदाधिकारी सहित जल संसाधन विभाग की पूरी टीम को एलर्ट मोड पर कर दिया है। बाढ़ के खतरे को देखते हुए पूरे क्षेत्र पर नजर रखी जा रही है।
संबंधित गांव के जनप्रतिनिधियों से संपर्क बनाए रखने तथा त्वरित कार्रवाई करने के लिए अधिकारियों को अलर्ट किया गया है। संबंधित अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा पूरी टीम के साथ स्थलीय निरीक्षण किया जा रहा है और बचाव सामग्री को लेकर भी काम किया जा रहा है।
कई घरों में घुसा पानी।
संवेदनशील इलाकों में अलर्ट
बाढ़ के संवेदनशील इलाकों को पूरी तरह से अलर्ट मोड पर रखा गया है। इस क्षेत्र में अधिकारियों को हमेशा मोबाइल पर रहने का निर्देश है। प्रभावित इलाकों में सामुदायिक रसोई की व्यवस्था करने के साथ लोगों की हर तरह से मदद पहुंचाने का निर्देश है। अफसरों को निर्देश है कि वह किसी भी दशा में क्षेत्र नहीं छोड़ें, कभी स्थिति गंभीर हो सकती है। दरधा नदी में ओवरफ्लो को रोकने के लिए संवेदनशील जगहों पर जल संसाधन की व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया है।
जिला प्रशासन की टीम द्वारा स्थानीय लोगों के सहयोग में लगी है। प्रशासन का कहना है कि पानी इसी तरह से बढ़ता रहा तो आने वाले समय में समस्या बढ़ जाएगी। अनुमंडल पदाधिकारी प्रखंड विकास पदाधिकारी और अंचलाधिकारी को विशेष टारगेट पर लगाया गया है।
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