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पटना2 मिनट पहले
25 नवंबर को OTT प्लेटफॉर्म NETFLIX पर बिहार के ऊपर बनी वेब सीरीज ‘खाकी’ द बिहार चैप्टर रिलीज हुई थी। जो महज 24 घंटे पर टॉप पर पहुंच गई। अब इस वेब सीरीज के नायक अमित लोढ़ा की मुश्किलें बढ़ गई हैं। उनके ऊपर पटना में FIR दर्ज हो गई है। अब इनके खिलाफ भी जांच, पड़ताल और छापेमारी का दौर चलेगा। इनके ऊपर कानूनी शिकंजा कसेगा।
दरअसल, अमित लोढ़ा बिहार पुलिस में सीनियर IPS अधिकारी हैं। इन्होंने ही ‘बिहार डायरी’ नाम से एक किताब लिखी थी, जो साल 2017 में पब्लिश हुई। इसी किताब पर NETFLIX और फ्राइडे स्टोरी टेलर ने मिलकर ‘खाकी’ द बिहार चैप्टर वेब सीरीज बनाई। गुरुवार को स्पेशल विजिलेंस यूनिट (SVU) ने स्पष्ट किया है कि गया के तत्कालीन IG अमित लोढ़ा पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे।
आरोप सही पाए जाने पर हुई FIR
इनके ऊपर निजी स्वार्थ के लिए वित्तीय अनियमितता का भी आरोप था। जिसके बाद मामले की जांच हुई। SVU के अनुसार, पुलिस मुख्यालय और वरीय प्राधिकार की समीक्षा की गई थी। निगरानी विभाग से मिले आदेश के बाद 7 दिसंबर को अमित लोढ़ा के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ करप्शन और IPC एक्ट की धाराओं के तहत FIR नंबर 17/2022 दर्ज की गई है। वेब सीरीज को लेकर अमित लोढ़ा पर लोक सेवक अधिनियम का उल्लंघन और किताब लिखने से लेकर वेब सीरीज तक के लिए पुलिस मुख्यालय और सरकार से अनुमति नहीं लेने का आरोप लगा है। इस केस की जांच SVU के डीएसपी स्तर के अधिकारी करेंगे।
लोढ़ा पर वेब सीरीज में रुपए इंवेस्ट करने का शक है।
वेब सीरीज में रुपए इंवेस्ट करने का है शक
दरअसल, पुलिस मुख्यालय को शक है कि इस वेब सीरीज को बनाने में जो रुपए खर्च हुए हैं, वो अमित लोढ़ा ने इंवेस्ट किए हैं। रुपए उन्होंने ही लगाए हैं। SVU दावा कर रही है कि पुलिस की सरकारी नौकरी करते हुए NETFLIX और फ्राइडे स्टोरी टेलर के साथ मिलकर उन्होंने व्यवसायिक कार्य किया है। इस पॉइंट पर उनकी एजेंसी ने प्रॉपर तरीके से जांच की। जिसमें ठोस तथ्य और साक्ष्य मिले हैं।
…तो क्या कामयाब हो गई आदित्य कुमार की साजिश?
15 अक्टूबर को आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने पटना में निलंबित IPS व गया के तत्कालीन SSP आदित्य कुमार और इनके साथी अभिषेक अग्रवाल सहित 5 नामजद व अन्य के खिलाफ FIR नंबर 33/2022 दर्ज किया था। इस केस को पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के नाम पर DGP को कॉल करने के मामले में किया गया था।
अमित लोढ़ा बिहार पुलिस में सीनियर IPS अधिकारी हैं।
इस FIR के पेज नंबर तीन पर स्पष्ट तौर पर लिखा है कि शराब मामले को लेकर गया में जो FIR आदित्य कुमार के खिलाफ दर्ज हुई थी, उसे खत्म कराने में अभिषेक अग्रवाल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। जब आदित्य कुमार गया में SSP थे, उस दरम्यान शराब मामले के एक केस को लेकर अपने ही IG अमित लोढ़ा के साथ उनका विवाद चल रहा था।
इसी वजह से आदित्य कुमार अपने से सीनियर IPS अमित लोढ़ा को फंसाना चाहते थे। इसी वजह से उन्होंने पूरी साजिश रची। अब सवाल उठता है कि क्या आदित्य कुमार और अभिषेक अग्रवाल ने मिलकर जो साजिश रची थी वो कामयाब हो गई?
अमित लोढ़ा की सुपर कॉप वाली छवि
देश के लोकप्रिय पुलिस अफसर में शामिल बिहार के IPS अमित लोढ़ा की सुपर कॉप वाली छवि अपराधियों से लड़ते हुए बनी है। राजस्थान से 1997 बैच के आईपीएस अमित लोढ़ा ने बिहार पोस्टिंग के बाद अपराधियों का ताबड़तोड़ सफाया किया।
अमित लोढ़ा साल 2006 में पहली बार तब चर्चा में आए, जब उन्होंने शेखपुरा के ‘गब्बर सिंह’ कहे जाने वाले अशोक महतो और उसके साथी पिंटू महतो को सलाखों के पीछे पहुंचाया। इसके लिए उन्हें वीरता पुरस्कार से सम्मानित भी किया गया था। अमित लोढ़ा को राष्ट्रपति पुलिस पदक, पुलिस पदक और आंतरिक सुरक्षा पदक से भी सम्मानित किया जा चुका है।
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