[ad_1]
खगड़िया40 मिनट पहले
- कॉपी लिंक
कुछ लोगों को प्रकृति से इतना लगाव होता है कि वे इसके लिए कुछ भी करने से पीछे नहीं हटते हैं। खगड़िया में सुभाषचंद्र साह ऐसे ही प्रकृति प्रेमी हैं। पेड़-पौधों और गार्डेन का शौक इतना है कि पैतृक घर में जगह नहीं मिली तो सवा कट्ठा जमीन खरीद ली। फिर उस पर मकान बनाकर छत पर बागवानी करने लगे। पिछले 25 साल से सुभाषचंद्र बागबानी कर रहे हैं। उनके घर की छत पर 100 से अधिक पौधे हैं। उन खुशबूदार फूलों और औषधी के पौधों से उनका घर तो महकता ही है, आस-पड़ोस के लोग भी खुशबू का आनंद लेते हैं।
बागवानी में कई तरह की फूलों की प्रजातियां।
हर दिन 3 से 4 घंटे समय देते हैं
गोगरी प्रखंड के नया टोला उसरी के रहने वाले सुभाषचंद्र साह अपने व्यवसाय की व्यस्तता के बावजूद रोज 3 से 4 घंटे अपने बगान के लिए निकालते हैं। उन्होंने अपनी छत पर मिर्च, शाहतूत, चीकू, नींबू, एलोबेरा, साइकस, अदरख, हल्दी और विभिन्न प्रकार के सब्जियों की खेती करते हैं। वे बताते हैं, ‘शौक को उन्होंने कभी व्यवसाय नहीं बनाया। पिछले 25 साल से बागवानी कर रहे हैं। 3 वर्षों से तो लगातार लोगों को पेड़-पौधे फ्री में गिफ्ट कर हरियाली के लिए प्रेरित भी कर रहे हैं। वे मंदिरों में भी पेड़ पौधा फ्री में देते हैं।’
मंदिर और लोगों के बीच गिफ्ट के तौर पर भी बांटते हैं पौधे।
बागवानी को बढ़ाने की प्लानिंग
सुभाषचन्द्र साह कहते हैं कि उन्होंने इसके लिए अपने पैतृक गांव में जगह की तलाश की, लेकिन जगह वहां नहीं मिली। इसके बाद उन्होंने गोगरी के उसरी में जमीन खरीद 3 मंजिला घर बनाया। इसके बाद अपने बागवानी के शौक को पूरा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अभी उनके गार्डन में 100 से अधिक पेड़ पौधे हैं। आने वाले समय मे अगर जमीन उपलब्ध होता है तो वे इसको और भी बड़ा करेंगे।
कई जगह से आते हैं लोग
पेड़-पौधा लगाना पर्यावरण संरक्षण के लिए आवश्यक है। जरूरी नहीं है कि इसके लिए जमीन उपलब्ध हो। लोग अगर चाह लें तो इस जुनून को छोटी सी जगह में भी पूरा किया जा सकता। सुभाषचंद साह के बगान को देखने जिले के दूर दराज से लोग पहुंच रहे हैं। सुभाषचंद्र कहते हैं कि ये सब देख उनके दिल को सुकून मिलती है।
[ad_2]
Source link