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पटना19 मिनट पहले
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जीवेश मिश्रा, श्रम मंत्री, बिहार सरकार।
मंत्री जी गए तो थे मुजफ्फरपुर बॉयलर ब्लास्ट में घायलों को देखने। लेकिन, लगे हाथों उन्होने अपने विभाग और नुडल्स कंपनी बचाने लगे। दरअसल, मुजफ्फरपुर जिला के बेला औद्योगिक क्षेत्र में रविवार की सुबह नूडल्स फैक्ट्री में ब्लास्ट मामले में श्रम मंत्री जीवेश मिश्रा ने कहा था कि ऑपरेशनल फॉल्ट के कारण ही बायलर में ब्लास्ट हुआ है।
मंत्री ने मंगलवार को सफाई देते हुए कहा कि फैक्ट्री नई है। 2019 में फैक्ट्री की शुरुआत हुई है और 2020 में बॉयलर लगा है। बॉयलर का सरकारी स्तर पर सर्टिफिकेशन मई तक का है। सर्टिफिकेशन की भी हर तरीके से जांच हो रही है। जांच के लिए टीम गठित कर दी गई है।
नूडल्स कंपनी में भविष्य निधि की राशि नहीं कटती थी
ब्लास्ट वाले दिन नूडल्स की फैक्ट्री में ठंड के कारण मजदूरों की संख्या कम थी। उस दिन सुबह में करीब 50 से 60 लोग फैक्ट्री में काम कर रहे थे। अगर ठंड नहीं होती तो करीब 300 मजदूर काम करते। नूडल्स फैक्ट्री में कार्यरत सभी कर्मियों के भविष्य निधि की राशि नहीं कटती थी। सूत्रों के मुताबिक 300 कर्मचारी काम कर रहे थे। केवल 32 लोगों का पीएफ कट रहा था। श्रम विभाग की ओर से जो रिपोर्ट कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के पास सूची सौंपी गई है। उसकी पड़ताल की जा रही है।
अन्य फैक्ट्रियों की भी जांच होगी
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के एक अधिकारी के मुताबिक अपनी फैक्ट्री में कर्मचारी की संख्या को कम दिखाना बहुत बड़ा अपराध है। बेला के अलावा दूसरे इलाके में संचालित फैक्ट्री या कंपनी की जांच होगी। यह पता किया जाएगा कि कोई मजदूर की संख्या तो नहीं छिपा रहा है। श्रम मंत्री जीवेश मिश्रा बार बार ये कह रहे है कि उनके विभाग के तरफ से जांच की गई थी तो फिर उनके अधिकारियों को वहां काम कर रहे मजदूर उनको क्यों नही दिखे?
7 मजदूरों की मौत हुई थी
रविवार को हुए धमाके में सात मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई थी। जबकि हादसे में घायल सात मजदूर अब भी इलाजरत हैं। सरकार की ओर से घायलों को बेहतर इलाज के लिए तमाम तरह के इंतजाम किए गए हैं। वहीं, मृतकों के परिजनों के लिए सरकार की ओर से 6 लाख मुआवजे की भी घोषणा की गई है। नियोजन भवन में मंगलवार को आयोजित प्रेस वार्ता में श्रम मंत्री जीवेश मिश्रा ने कहा सात निश्चय के तहत युवा शक्ति बिहार संस्थानों की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए राज्य के प्रत्येक आईटीआई को उच्चस्तरीय सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में स्थापित किया जाएगा।
प्रत्येक आईटीआई उच्च स्तरीय सेंटर आफ एक्सीलेंस के रूप में स्थापित करने की कुल योजना 4606.97 करोड़ तथा 5436.22 करोड़ की है। जिसमें 88% की राशि टाटा टेक्नोलॉजी द्वारा किया जाएगा, शेष 12% राशि कुल 552.84 करोड़ तथा तथा रुपया 652.35 करोड़ का का वाहन राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा
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