Home Bihar चिराग के जरिए 6% वोट पर बिहार BJP की नजर: चिराग पासवान की शर्त- चाचा को बाहर करें; NDA में नीतीश की कभी नहीं हो वापसी

चिराग के जरिए 6% वोट पर बिहार BJP की नजर: चिराग पासवान की शर्त- चाचा को बाहर करें; NDA में नीतीश की कभी नहीं हो वापसी

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चिराग के जरिए 6% वोट पर बिहार BJP की नजर: चिराग पासवान की शर्त- चाचा को बाहर करें; NDA में नीतीश की कभी नहीं हो वापसी

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पटना5 मिनट पहले

PM मोदी (बाएं), चिराग पासवान (बीच में) और नीतीश कुमार (दाएं)

बिहार में सत्ता से बाहर हो चुकी भारतीय जनता पार्टी (BJP) को बड़ा झटका लगा है। पार्टी को लगने लगा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की जोड़ी परेशानी का बड़ा सबब बन सकती है। 2024 में होने वाले लोकसभा और 2025 के विधानसभा चुनाव में महागठबंधन खतरा बन सकता है। अगर सच में ऐसा हुआ तो बिहार में भाजपा सत्ता के सुख से वंचित रह जाएगी।

अपने भविष्य को देखते हुए ही भाजपा बिहार को लेकर एक बड़ी प्लानिंग कर रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार भाजपा एक बार फिर से लोकजनशक्ति पार्टी (रामविलास) व जमुई सांसद चिराग पासवान को NDA गठबंधन में शामिल कराने की तैयारी में है। चिराग के जरिए बिहार में दिख रहे अंधेरे को दूर करना चाहती है। इस काम के लिए एक केंद्रीय मंत्री सह भाजपा के कद्दावर नेता लगातार सांसद चिराग पासवान को कॉल कर रहे हैं।

सूत्रों के अनुसार हर एक-दो दिनों में इसी मुद्दे पर इन दोनों के बीच बात हो रही है। केंद्रीय मंत्री चिराग को पुरानी बातों को भूलकर गठबंधन में वापस आने को कह रहे हैं। पर चिराग पासवान ने केंद्रीय मंत्री के सामने नीतीश कुमार व उनकी पार्टी जदयू के कभी भी NDA में वापसी नहीं किए जाने की बड़ी शर्त रख दी है। वो चाहते हैं कि NDA गठबंधन का दरवाजा हमेशा के लिए नीतीश कुमार और उनकी पार्टी के लिए बंद हो जाए।

नीतीश सरकार के बहुमत से पहले शामिल कराने की थी चाहत

चिराग पासवान को भाजपा अपने पाले में लाने की हर कोशिश कर रही है। सूत्रों की मानें तो भाजपा की चाहत थी कि बिहार में नीतीश कुमार की नई सरकार के विधानसभा में बहुमत हासिल करने से पहले ही चिराग पासवान वापस NDA गठबंधन में शामिल हो जाएं। पर ऐसा हो नहीं सका। क्योंकि, चिराग ने अपनी तरफ से 4 बड़ी शर्त भाजपा के राष्ट्रीय स्तर के कद्दावर नेता के सामने रख दी।

ये हैं चिराग की 4 शर्तें

  • सबसे बड़ी शर्त यह है कि NDA में नीतीश कुमार की कभी वापसी नहीं होगी।
  • 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव का टिकट अभी ही फाइनल हो जाए।
  • वर्तमान केंद्र सरकार की कैबिनेट में जगह देने की मांग।
  • गठबंधन में तब शामिल होंगे, जब केंद्रीय मंत्री और चाचा पशुपति कुमार पारस अपनी पार्टी समेत बाहर होंगे।
भाजपा चिराग को अपने साथ में रखना चाहती है।

भाजपा चिराग को अपने साथ में रखना चाहती है।

चिराग को क्यों अपने पास रखना चाहती है भाजपा?

NDA गठबंधन के तहत बिहार में इनके पास सिर्फ केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस की राष्ट्रीय लोकजनशक्ति पार्टी ही है। विधान परिषद चुनाव के दरम्यान मुकेश सहनी की पार्टी VIP पहले ही NDA से अलग हो गई। अब जदयू इस गठबंधन से बाहर हो गई। इनके साथ ही हिंदुस्तान आवामी मोर्चा भी महागठबंधन में शामिल हो गई। बिहार में दलित-महादलित का कुल 16 प्रतिशत वोट बैंक है। इसमें भी 6 प्रतिशत वोट बैंक चिराग पासवान के साथ है।

जानकार मानते हैं कि इसी वजह से भाजपा चिराग को अपने साथ में रखना चाहती है। जो इनकी मजबूरी भी है। कांटैक्ट करने वाले भाजपा के बड़े नेता ने आश्वासन दिया है कि चिराग की सारी बातों को वो केंद्रीय गृह मंत्री और पार्टी के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह के सामने रखेंगे। क्योंकि, अंतिम फैसला अमित शाह का होगा।

सूत्रों से मिली जानकारी के बाद इसे कंफर्म करने के लिए लोजपा (रामविलास) के प्रदेश प्रवक्ता प्रो. विनीत कुमार से बात की गई। इनके अनुसार उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान वेट एंड वॉच की स्थिति में हैं। बिहार में मध्यावधि चुनाव होने पर या 2024 में लोकसभा चुनाव के नजदीक आने पर ही वो अपना पत्ता खोलेंगे।

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