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पटनाएक घंटा पहले
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जगदानंद सिंह के गले में हरा गमछा नहीं दिखा।
लालू प्रसाद यादव ने बुधवार को आयोजित कार्यकर्ता प्रशिक्षण शिविर में राजद के सभी लोगों को हरा गमछा गले में रखने को कहा था। उन्होंने कहा था- ‘जिस तरह से UP में समाजवादी पार्टी के समर्थकों की पहचान टोपी है, उसी तरह RJD के नेता और कार्यकर्ता हरा गमछा रखें, लेकिन प्रशिक्षण शिविर के बाद शुक्रवार को आयोजित बुद्धिजीवी प्रकोष्ठ की बैठक में प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ही उनकी इस अपील को नकारते दिखे। वह मंच पर बिना गमछा के ही शुरू से अंत तक दिखे।
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव गले में हरा गमछा डाले दिखे। पूर्व मंत्री से लेकर महिला कार्यकर्ता और ज्यादातर कार्यकर्ताओं के गले में हरा गमछा दिखा। हालांकि, जगदानंद सिंह RJD के वैसे नेता हैं जो लालू प्रसाद का कहना मानते हैं और अनुशासित तरीके से उनकी बात को मानते और मनवाते हैं। अब चर्चा यह शुरू हो गई कि वह लालू के इस निर्देश को भूल कैसे गए, या जानबूझकर ऐसा किया?
तेजस्वी यादव, श्याम रजक से लेकर आम कार्यकर्ताओं के गले में दिखा गमछा।
गमछा बड़ी बात नहीं, राष्ट्रीय अध्यक्ष की अपील बड़ी बात
जिस समय तेज प्रताप यादव ने पार्टी कार्यालय के मंच से जगदानंद सिंह को हिटलर कहा था उसके बाद कई दिनों तक जगदानंद सिंह कार्यालय नहीं आए थे। जब लौटे तो कहा था- ‘हू इज तेज प्रताप, मैं सिर्फ और सिर्फ लालू प्रसाद को जानता हूं।’ शायद उन्होंने यह मान लिया है कि लालू प्रसाद ने उनको छोड़कर पार्टी के सभी कार्यकर्ताओं के लिए गमछा-अपील की है। गमछा गले में रखना या नहीं रखना कोई बड़ी बात नहीं है, बड़ी बात राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद की अपील है।
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