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पटनाएक घंटा पहले
जदयू कार्यालय में प्रवक्ता सुनील कुमार और अभिषेक झा ने सरकार की उपलब्धियों को गिनाया। शनिवार को सुनील कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की इच्छा शक्ति, ढृढ़ निश्चय और बिहार की जनता के प्रति सेवा भाव का ही यह परिणाम है कि स्वास्थ्य सेवाओं में गुजरात से बेहतर प्रदर्शन बिहार का रहा है।
जदयू के प्रदेश प्रवक्ता डॉ. सुनील कुमार और अभिषेक झा ने बीजेपी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि प्रधानमंत्री का गुजरात मॉडल पूरी तरह से फेल है। विकास के जिस मॉडल के सहारे वर्ष 2014 में भाजपा केंद्र की सत्ता में आई थी। उसका ढोल फूट चुका है। यही कारण है कि वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान इसका नाम तक नहीं लिया।
गुजरात से की तुलना
प्रवक्ताओं ने विभिन्न स्वास्थ्य मानकों की तुलना देश के एक धनी प्रदेश गुजरात के साथ तथाकथित पिछड़े राज्य बिहार से करते हुए कहा कि आँकड़े तो चौकाने वाले हैं। वर्ष 2019-21 के नैशनल फ़ैमिली हेल्थ सर्वे-5 के अनुसार स्वास्थ्य संबंधी कई आंकड़ों में बिहार ने गुजरात से कहीं बेहतर प्रदर्शन किया है। इन आंकड़ों के मुताबिक कुपोषित एवं अति-कुपोषित बच्चों की संख्या कम और सरकारी अस्पतालों में प्रसव कराने वाले महिलाओं की संख्या ज्यादा है।
नीतीश कुमार के समय में बदला बिहार
प्रवक्ताओं ने कहा कि बिहार का यह बेहतर प्रदर्शन बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बिहार की जनता के प्रति सेवा भाव का परिणाम है। वर्ष 2004-05 में बिहार में कुपोषित/कम वजन वाले बच्चों का अनुपात 27 था, जिसे नीतीश सरकार ने पटरी पर लाते हुए उस अनुपात को आज 22.9 प्रति एक हज़ार बच्चे पर पहुंचाया है।
वर्ष 2004-05 तक बिहार की गर्भवती महिलाओं द्वारा अटेंटल केयर की सुविधा प्राप्त करने वालों का अनुपात 34% था, जो 2019-20 तक बढ़कर 52.9% पर पहुंच गया है। 2004-05 तक बिहार के पास मात्र तीन मेडिकल कॉलेज थे और एक भी नर्सिंग कॉलेज नहीं था। पर आज बिहार में पंद्रह मेडिकल कॉलेज हैं और सभी मेडिकल कॉलेज में नर्सिंग की भी पढ़ाई होती है। सभी ज़िले में कम से कम एक नर्सिंग कॉलेज चल रहा है।
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