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- Bihar News; Liquor Was Getting 50 Rupees A Glass, The Store Was Built Inside The Ground In The Garden
पटना18 मिनट पहलेलेखक: मनीष मिश्रा
- पूजा के लिए जहां जिस कारोबारी से ली शराब, वह कुछ दिन पहले जेल से आया था बाहर
जहरीली शराब से मौत के बाद अब कारोबार की परत दर परत खुल रही है। मौत के खेल में गांव के ही एक कारोबारी की भूमिका सामने आई है। हाल ही में जेल से बाहर आए कारोबारी ने ही पूजा के लिए शराब की सप्लाई की थी। कारोबारी जेल जाने से पहले जमीन में स्टोर की गई शराब को पूजा में खपा दिया, वही शराब मौत का कारण बन गई। घटना स्थल से महज 500 मीटर की दूरी पर हो रहे शराब के कारोबार का सुराग पुलिस भी नहीं लगा पाई थी। अब 11 मौत के बाद पुलिस की जांच में शराब कारोबारी की एंट्री हुई है। हालांकि अभी कोई मुंह नहीं खोल रहा है।
दो थानों की पुलिस नहीं रोक पाई शराब का कारोबार
सिवान का ग्राम पंचायत फुलवरिया जहरीली शराब को लेकर चर्चा में है। ग्राम पंचायत के भाथा में लगभग 1500 घर हैं। भाथा का एक टोला भाथा मटिया है जो भेलरी थाना में पड़ता है जबकि भाथा नोनिया टोला मकेर थाना में पड़ता है। दोनो टोले के बीच महज 500 मीटर यानि एक सड़क डिवाइडर है।
भास्कर की पड़ताल में जो बाते सामने आई हैं उसके मुताबिक भाथा मठिया में शराब का कारोबार बड़े पैमाने पर होता था और भाथा नोनिया टोला के लोग भी वहीं से शराब लाते थे। भाथा नोनिया टोला में जहरीली शराब कांड हुई है, यहां हर घर में कोई न कोई बीमार है। पूजा भी इस टोले में शराब के साथ हुई थी। दो थानों की पुलिस को शराब की पूरी जानकारी थी लेकिन कारोबारियों पर शिकंजा नहीं कसा जा सका। धंधा चलता रहा, इस बीच कारोबारी को जेल भेजा गया लेकिन वह बेल पर बाहर आने के बाद फिर कारोबार में लग जाता था।
बाग में चलता था शराब का कारोबार
गांव में पड़ताल के दौरान ग्रामीणों ने बताया कि भाथा मठिया गांव में शराब का कारोबार काफी दिनों से चल रहा था। भाथा गांव के भाथा मठिया टोला के एक शराब कारोबारी टेट्रा पैक में शराब का कारोबार करता था। पड़ताल के दौरान गांव वालों ने बताया कि भाथा मठिया के एक बाग में शराब काे जमीन में स्टोर करके रखा जाता था और फिर वहीं से प्लास्टिक के पैक में बेचा जाता था। प्लास्टिक के एक पैक में 50 रुपए में एक गिलास शराब बेचा जाता था।
गांव वालों के मुताबिक शराब के कारोबारी को भेलरी थाना की पुलिस ने जेल भेजा था और वह पूजा से महज कुछ दिन पहले ही जेल से छूटकर आया था। गांव वालों का कहना है कि जेल जाने से पहले जो भी शराब जमीन के अंदर स्टोर किया गया था उसे जेल से बेल होने के बाद पूजा के लिए सप्लाई कर दिया गया। कारोबारियों को लगा पूजा में शराब चढ़ाई जाएगी लेकिन जब लोग प्रसाद के रुप में गटके तो जहर बन गई।
पुलिस की बड़ी चूक का खुलासा
गांव में शराब के कारोबार का पुलिस को भी पता नहीं था। पुलिस की यह बड़ी चूक रही और इस कारण से ही घटना स्थल वाले क्षेत्र के थानेदार को सस्पेंड कर दिया गया लेकिन गांव वालों में आक्रोश है कि जिस थाना क्षेत्र में शराब का कारोबार हो रहा था वहां के थानेदार पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। अब पुलिस की टीम जांच करने के साथ जमीन के अंदर स्टोर की गई शराब की तलाश में छापेमारी कर रही है।
फुलवरिया गांव के सभी टोले में शराब के कारोबारियों की तलाश की जा रही है। इसके लिए पुलिस की विशेष टीम लहीं है। घटना के बाद से फरार कारोबारियों की भी तलाश की जा रही है। अब पुलिस विभाग के अफसर भी इस मामले में चुप्पी साधे हैं, वह जांच पूरी होने तक बोलने से कतरा रहे हैं। पुलिस अधिकारी बस इतना कह रहे हैं, घटना के बाद छापेमारी अभियान तेज कर दिया गया है।
हर घर में हुई पूजा, जहां शराब चढ़ी वहीं हुई मौत
गांव वालों के मुताबिक हर घर में पूजा होती है। गांव में जो लोग समझदार हैं, वह पूजा में शराब नहीं चढ़ाते हैं। लेकिन लोनिया वर्ग के लोग पूजा के दौरान शराब और मांस चढ़ाते हैं। इसके बाद प्रसाद के रुप में उसका सेवन करते हैं। स्थानीय लोगों ने बताया कि यह गांव की पारंपरिक पूजा है। नोनिया समाज में इस पूजा का आयोजन सावन के अंतिम बुधवार को किया जाता है। इसे बुधवारी पूजा भी कहा जाता है। सामान्य तौर पर नोनिया समाज मे बंदी सती माता और गोरिया बाबा का एक साथ पूजन किया जाता।
दोनों देवी देवता समाज के रक्षक के प्रतीक में माना जाते है। गोरिया बाबा का पूजा घर के आंगन और गांव में किया जाता है, जबकि बंदीसती का घर में बने विशेष पूजन कक्ष में पूजा होता है। गोरिया बाबा के बारे में मान्यता है कि परिवार और समाज के ऊपर आने वाली किसी भी तरह की परेशानी को रोकने के लिए लोग यह पूजा करते है। नोनिया समाज के लोग गोरिया बाबा का पूजन विशेष विधि से करते हैं।
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