Home Bihar जातीय जनगणना पर BJP कथनी और करनी: बिहार के बाद झारखंड के प्रतिनिधिमंडल में भी BJP हुई शामिल; सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा- जातीय जनगणना कराना सम्भव नहीं, केंद्र ने स्पष्ट कर दी है

जातीय जनगणना पर BJP कथनी और करनी: बिहार के बाद झारखंड के प्रतिनिधिमंडल में भी BJP हुई शामिल; सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा- जातीय जनगणना कराना सम्भव नहीं, केंद्र ने स्पष्ट कर दी है

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जातीय जनगणना पर BJP कथनी और करनी: बिहार के बाद झारखंड के प्रतिनिधिमंडल में भी BJP हुई शामिल; सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा- जातीय जनगणना कराना सम्भव नहीं, केंद्र ने स्पष्ट कर दी है

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  • After Bihar, BJP Also Joined The Delegation Of Jharkhand, But BJP MP Sushil Kumar Modi Said It Is Not Possible To Conduct Caste Census, The Central Government Has Made Its Position Clear.

पटना35 मिनट पहले

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सुशील मोदी ने कहा है कि केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है और केंद्र के लिए जातीय जनगणना कराना सम्भव नहीं। - Dainik Bhaskar

सुशील मोदी ने कहा है कि केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है और केंद्र के लिए जातीय जनगणना कराना सम्भव नहीं।

जातीय जनगणना पर भाजपा का स्टैंड दिन नही बल्कि घंटों में बदल रहा है। भाजपा के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने आज बयान जारी कर ये कहा कि जातीय जनगणना कराना सम्भव नहीं। उनका ये बयान झारखंड के प्रतिनिधिमंडल के केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के चंद घंटों पर बाद आया है। इस प्रतिनिधिमंडल ने जातीय जनगणना कराने की मांग केन्द्रीय गृहमंत्री से की है खास बात ये है कि इस प्रतिनिधिमंडल में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भी सीएम हेमंत सोरेन के साथ थे।

जातीय जनगणना कराना सम्भव नहीं, केंद्र सरकार ने अपनी स्थिति कर दी है स्पष्ट -सुशील मोदी

जातीय जनगणना को लेकर भाजपा की तरफ से एक और नेता का बयान सामने आया है। ये नेता हैं भाजपा के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी। सुशील मोदी ने कहा है कि केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है और केंद्र के लिए जातीय जनगणना कराना सम्भव नहीं। इसे आगे की बात करते हुए सुशील मोदी ने कहा है कि राज्य अगर चाहे तो वे जातीय जनगणना कराने के लिए स्वतंत्र है।

अंतिम समय में बदलाव संभव नहीं

सुशील मोदी की मानें तो जातीय जनगणना केवल एक कॉलम जोड़ने का काम नहीं है। गणना इस बार इलेक्ट्रॉनिक टैब के जरिए होनी है। उनके मुताबिक, गणना की प्रक्रिया अमूमन 4 साल पहले शुरू हो जाती है, जिनमें पूछे जाने वाले प्रश्न,उनका 16 भाषाओं में अनुवाद, टाइम टेबल व मैन्युअल आदि का काम पूरा किया जा चुका है। अंतिम समय में इसमें किसी प्रकार का बदलाव सम्भव नहीं है। उन्होंने कहा है कि 1931 की जातीय जनगणना में 4147 जातियां पाई गई थीं, केंद्र व राज्यों के पिछड़े वर्गों की सूची मिला कर मात्र 5629 जातियां है जबकि 2011 में कराई गई सामाजिक-आर्थिक गणना में एकबारगी जातियों की संख्या बढ़ कर 46 लाख के करीब हो गई। लोगों ने इसमें अपना गोत्र, जाति, उपजाति, उपनाम आदि दर्ज करा दिया। इसलिए जातियों का शुद्ध आंकड़ा प्राप्त करना सम्भव नहीं हो पाया।

जातीय जनगणना कराने की मांग करनेवाले प्रतिनिधिमंडल में भाजपा भी शामिल

जातीय जनगणना की मांग को लेकर झारखंड का एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिला था । झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन के नेतृत्‍व में हुई इस मुलाकात में झारखंड भाजपा के प्रदेश अध्‍यक्ष दीपक प्रकाश भी मौजूद रहे। लेकिन इस मुलाकात के चंद घंटों बाद सुशील मोदी का ये बयान भाजपा के जाति आधारित जनगणना पर बदलते स्टैंड को दिखाता है ।

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