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कैमूर27 मिनट पहले
कैमूर पहुंचे राज्यसभा सांसद गोपाल नारायण सिंह ने प्रेस वार्ता के दौरान जातीय जनगणना को लेकर कहा कि जातीय शब्द को लेकर चलेंगे तो बिहार की दुर्गति होगी। यह समाज में जोड़ने की प्रवृत्ति नहीं है समाज तोड़ने की सोच है। उन्होंने कहा कि 2014 में जब नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने उन्होंने नारा दिया सबका साथ सबका विकास। जब तक सबका साथ सबका विकास एकजुट नहीं होगा इस देश में समावेशी विकास की परिकल्पना अधूरी रह जाएगी।
बिहार वर्षों से जातीयता की मार झेल रहा है। बिहार के भीतर जिस तरीके से जातीय जनगणना की आवाज बुलंद हो रही है बिहार के हित में नहीं है। इससे जातीय भेदभाव को बढ़ावा मिलेगा। आज हम 21वीं सदी में जी रहे हैं। हमारी सोच विकास और नई टेक्नोलॉजी पर केंद्रित होना चाहिए ना की जाति आधारित जाति जनगणना पर। इससे केवल कुछ लोगों को राजनीतिक लाभ मिल सकता है लेकिन बिहार के हिस्से में दुर्गति का एक बड़ा किताब लिखा जाएगा। जिसे हमारी आने वाली नस्लें पढ़कर हमें शर्मसार होगी।
देश के प्रधानमंत्री ने सभी वर्गों के लिए आज इस सदी में जीने के लिए नई पद्धति इजाद किया है। देश के सबसे निचले पायदान पर बैठे हुए लोगों की बात हो या फिर मिडिल या अपर क्लास की। सबके लिए उन्होंने एक नई सोच और एक नई राह दिया है। देश में बिहार की दुर्गति का यही मुख्य कारण है। क्योंकि आप जातिगत लेकर चलेंगे तो तो समाज का विखंडन हो जाएगा। बहुत से नेता लोग जातीय जनगणना के नाम पर राज करना चाहते हैं। जो हमारे समाज में इसका गलत प्रभाव पड़ेगा और विखंडन हो सकता है। इसलिए जाति जनगणना समाज के लिए करना ठीक नहीं है।
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