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पटना33 मिनट पहले
- पुलिस से बचने के लिए मैसेज से परहेज, व्हाट्सएप से ग्रुप कॉल का निकाला फंडा
अग्निपथ के खिलाफ सुलग रही आक्रोश की आग में कोई लीडर नहीं। बिना लीडर वाले इस आंदोलन की जड़ खंगालने में खुफिया एजेंसियों का पसीना छूट रहा है। अब तक आंदोलन के ट्रेंड में खुफिया सेंधमारी नहीं लग पाई है।
दैनिक भास्कर की पड़ताल में आंदोलन की जड़ सामने आई है, जहां मूवमेंट के लिए जोश भरा जा रहा है। राजधानी पटना से लेकर राज्य के जिला मुख्यालयों पर कोचिंग सेंटर के आसपास के इलाकों में मौजूदा छात्रों के अग्रेशन में आंदोलन की बड़ी कहानी छिपी है। आइए जानते हैं बिना लीडर वाले आंदोलन का कहां से हो रहा ऑपरेशन।
बिना लीडर वाला पहला आंदोलन
अग्निपथ के खिलाफ छात्रों का हिंसक प्रदर्शन देश के कई राज्यों में हुआ है। आंदोलन का सबसे बड़ा पहलू यह है कि अग्निपथ का नाम आते ही अचानक पूरे देश में बवाल मच गया। बिना लीडर वाले इस आंदोलन में पुलिस और खुफिया एजेंसी के लिए आंदोलनकारियों तक पहुंचना बड़ी चुनौती हो गई है। खुफिया तंत्र को छात्रों के मूवमेंट का कोई सुराग नहीं मिल रहा है, ऐसे में आक्रोश की आग में सरकारी संपत्ति खाक हो रही है।
बिहार में अब तक ऐसे किसी स्टूडेंट्स यूनियन या फिर किसी राजनीतिक दल का कोई सुराग नहीं मिला है जो इस आंदोलन के पीछे काम कर रहे हों। ऐसे में अब शक की सूई कोचिंग सेंटर की तरफ मंडरा रही है, जहां से छात्रों के मूवमेंट का पूरा ऑपरेशन चल रहा है।
अग्निपथ के खिलाफ बिहार में छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं।
RRB NTPC के खिलाफ आंदोलन में खुली थी पोल
जनवरी 2022 में RRB NTPC के परीक्षा परिणाम के खिलाफ हुए आंदोलन में कोचिंग की कहानी सामने आई थी। कोचिंग से भड़की आग का खुलासा पटना वाले खान सर के मोबाइल चैट से हुआ था। आंदोलन के पहले खान सर के वीडियो वायरल हुए जिसके बाद आंदोलन हिंसक हो गया और पटना से लेकर राज्य के लगभग आध दर्जन जिलों में छात्रों सरकारी संपत्तियों को आग के हवाले कर दिया।
इस घटना के बाद कोचिंग संचालकों पर शिकंजा कसा और खान सर के साथ कई कोचिंग संचालकों के खिलाफ केस दर्ज किया गया। बड़ी बात यह है कि सख्ती के बाद जब कोचिंग संचालकों ने सोशल मीडिया से अपील की तो आंदोलन अचानक से पूरी तरह से ठंडा पड़ गया।
ट्रेन में लगी आग को बुझाते पुलिसकर्मी।
कोचिंग के आसपास से भड़क रही चिंगारी
पटना से लेकर राज्य के अन्य इलाकों में आंदोलन की आग कोचिंग के आसपास छात्रों के आवासीय इलाकों से सुलग रही है। पटना के मछुआ टोली, भिखना पहाड़ी और कोचिंग के हब कहे जाने वाले इलाकों में छात्रों के अग्रेसन ने यह संकेत दे दिया है कि RRB NTPC के खिलाफ आंदोलन की तरह अग्निपथ के खिलाफ आंदोलन में भी काम उसी ट्रेंड पर हो रहा है।
पटना सहित आसपास के जिलों में जहां भी प्रदर्शन हो रहा है वहां कोचिंग का बड़ा केंद्र है। सुरक्षा एजेंसियों को भी ऐसे लीडर की तलाश है जो पर्दे के पीछे से आंदोलन को हवा दे रहे हैं। सुरक्षा तंत्र RRB NTPC के खिलाफ हुए आंदोलन की तरह इस आंदोलन में कोचिंग संचालकों के ट्रेंड की पड़ताल कर रही है। इस बार के आंदोलन में छात्रों में मुंह को कपड़े से कवर किया है जिससे उन्हें ट्रेस करना बड़ी चुनौती है।
उग्र प्रदर्शन के दौरान कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया गया।
बदल दिया समूह इकट्ठा करने का ट्रेंड
आंदोलन के लिए छात्रों के समूह को इकट्ठा करने का पूरा ट्रेंड ही बदल दिया गया है। खुफिया सूत्रों की मानें तो RRB NTPC के खिलाफ हुए आंदोलन में कोचिंग संचालकों का नाम आने के बाद अब आंदोलन में छात्रों के मूवमेंट तय करने का पूरा ट्रेंड बदल गया है। खुफिया विंग्स से जुड़े सूत्रों की मानें तो RRB NTPC के खिलाफ आंदोलन में छात्रों के साथ कई बड़े कोचिंग संचालकों पर केस दर्ज होने के बाद अब पुलिस से बचने के लिए सर्विलांस को धोखा दिया जा रहा है।
पुलिस से बचने के लिए मैसेज से परहेज किया जा रहा है। सोशल मीडिया का कम से कम इस्तेमाल किया जा रहा है। ऐसे में नया ट्रेंड व्हाट्सएप से ग्रुप कॉल का निकाला गया है। इससे पुलिस की पकड़ में अब तक कोई भी पर्दे का पीछे लीडर सामने नहीं आया है। खुफिया तंत्र भी सबूत के साथ पर्दे के पीछे वाले लीडर पर हाथ डालने के लिए सोशल मीडिया से लेकर मैसेज की पड़ताल में जुटा है।
बिना लीडर वाले आंदोलन की 5 बड़ी चुनौती
- लीडर नहीं होने से मूवमेंट पर नजर रखना हुआ मुश्किल
- पार्टी या लीडर नहीं होने से वार्ता की नहीं कोई गुंजाइश
- पुलिस और प्रशासन को आंदोलन खत्म कराने के लिए संपर्क साधने की मुश्किल
- लीडर नहीं होने से आंदोलन को ठंडा कराने की चुनौती
- सोशल मीडिया और व्हाट्सप ग्रुप या मैसेज का इस्तेमाल नहीं करने से ट्रेस करने की चुनौती
MP में फिजिकल ट्रेनरों की जांच का आदेश
छात्रों के आंदोलन को लेकर देश के सभी राज्यों में अलर्ट है। मध्य प्रदेश के साथ उत्तर प्रदेश और बिहार के साथ अन्य प्रदेशों में जिला प्रशासन द्वारा कोचिंग संचालकों पर नजर रखी जा रही है। यूपी में खुफिया अलर्ट जारी किया गया है। मध्य प्रदेश के ग्वालियर में प्रशासन ने सभी फिजिकल ट्रेनरों की जांच का आदेश जारी किया है। इसके लिए थानों के साथ एसडीएम को लगाया गया है। बिहार में भी खुफिया तंत्र आंदोलन में शामिल लोगों को ट्रेस करने में लगा है।
एडीजी ने प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ की सख्ती
अग्निपथ के विरोध में हो रहे प्रदर्शन को लेकर बिहार में पुलिस का अलर्ट है। रेलवे स्टेशनों पर अधिक संख्या में पुलिस बल को लगाया गया है। एडीजी लॉ एंड ऑर्डर संजय सिंह ने कहा है की उपद्रव करने वालों ने खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है। ऐसे लोगों को ट्रेस किया जा रहा है जो इसमें शामिल हैं। अब तक दो दर्जन से अधिक FIR दर्ज किया जा चुका है। सैकड़ों उपद्रवियों की पहचान कर गिरफ्तारी भी की जा रही है।
एडीजी संजय सिंह ने आक्रोशित छात्रों से कानून के दायरे में रहकर विरोध प्रदर्शन करने की अपील की है, इसके साथ ही यह भी कहा है की कानून को अपने हाथ में ना लें, सरकारी संपत्ति को नुकसान उचित नही है। एडीजी ने विरोध प्रदर्शन में शामिल होने का वालों किसी विशेष वर्ग का नाम नहीं लिया है, लेकिन उनका कहना है कि सभी की पहचान कर कार्रवाई की जा रही है।
बिहार में कोचिंग संचालकों की भूमिका संदिग्ध
बिहार में कोचिंग संचालकों की संदिग्ध भूमिका को लेकर जांच का आदेश जारी किया जा रहा है। पटना के डीएम डॉक्टर चंद्र शेखर सिंह ने आंदोलन में कोचिंग संचालकों की गतिविधियों की जांच का आदेश दिया है। डीएम ने आदेश जारी करते हुए कहा है कि विधि-व्यवस्था की समस्या उत्पन्न करने में कोचिंग संचालकों की भूमिका की भी जांच की जा रही है। ऐसे लोगों की संलिप्तता जांच में प्रमाणित होगी तो दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
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