Home Bihar डिप्टी सीएम बोले: लीची अनुसंधान केंद्र के पास बनेगा एसटीपी, जलजमाव से मिलेगी निजात

डिप्टी सीएम बोले: लीची अनुसंधान केंद्र के पास बनेगा एसटीपी, जलजमाव से मिलेगी निजात

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डिप्टी सीएम बोले: लीची अनुसंधान केंद्र के पास बनेगा एसटीपी, जलजमाव से मिलेगी निजात

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मुजफ्फरपुरएक घंटा पहले

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डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद, बिहार - Dainik Bhaskar

डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद, बिहार

जमीन को लेकर तीन साल से मुशहरी में एसटीपी (सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट) बनाने को लेकर मामला फंसा हुआ है। हर साल शहर डूबता रहा है। मंगलवार को मुजफ्फरपुर पहुंचे डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद ने कृषि विभाग के सचिव व मुजफ्फरपुर डीएम से बातचीत कर इस मुद्दे को सुलझाया। कृषि विभाग की जमीन पर मुशहरी में (लीची अनुसंधान केंद्र) एसटीपी का निर्माण होगा। इससे शहर के पूर्वी व उत्तरी इलाके को बड़ी राहत मिलेगी।

विमर्श – जलजमाव से मुक्ति को लेकर तैयारियों की जानकारी ली

प्रशासन की सख्ती के बाद पिछले साल मणिका में एसटीपी का निर्माण शुरू हो चुका था। लाखों रुपए खर्च कर बाउंड्री वाल का निर्माण शुरू हुआ। श्मशान की भूमि पर किसी तरह के निर्माण होने पर राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की आपत्ति के बाद एसटीपी के निर्माण को रोक दिया गया था। इस मामले को लेकर राजस्व मंत्री रामसूरत राय व पूर्व मंत्री सुरेश कुमार शर्मा में तकरार भी हुई।

मुशहरी में ही कृषि विभाग की जमीन पर एसटीपी बनाने को लेकर विमर्श चल रहा था। मंगलवार को डिप्टी सीएम ने शहर को जलजमाव से मुक्ति को लेकर क्या कुछ तैयारी की गई है, इसकी जानकारी ली। दैनिक भास्कर से विशेष बातचीत में उप मुख्यमंत्री ने कहा कि डीएम व कृषि सचिव से एसटीपी निर्माण को लेकर बात हो गई है। बहुत जल्द एसटीपी का निर्माण शुरू होगा। शहर को आने वाले समय में जलजमाव से बहुत राहत मिलेगी।

एसटीपी से इन सभी क्षेत्रों को मिलेगा लाभ
मुशहरी में कृषि विभाग की जमीन पर सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) बनेगा। वहीं, बालू घाट, लकड़ीढाई, बीएमपी-6, पूसा रोड होते मुशहरी तक स्टॉर्म वाटर ड्रेनेज बनेगा।

ट्रेड लाइसेंस विवाद सुलझाने के लिए डीएम को जिम्मेदारी

शहर में ट्रेड लाइसेंस को लेकर माहौल गरम है। शहर के व्यवसायी संगठन सरकार व जिला प्रशासन से ट्रेड लाइसेंस पर रोक लगाने की मांग कर रहे हैं। व्यवसायियों का तर्क है कि जब जीएसटी लग रहा है तो अलग से ट्रेड लाइसेंस का कोई औचित्य नहीं है। दूसरी अोर, निगम प्रशासन ट्रेड लाइसेंस का शुल्क सरकार के आदेश पर लेने के लिए अड़ा हुआ है।

करीब 8 करोड़ रुपए ट्रेड लाइसेंस से वसूली का लक्ष्य रखा गया है। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि ट्रेड लाइसेंस को लेकर जो कुछ भी विवाद है, उसके लिए मुजफ्फरपुर डीएम को निगम प्रशासन और कारोबारियों से बातचीत कर सभी पक्ष को देखते हुए सुलझाने की जवाबदेही दी है।

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