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पटना9 घंटे पहलेलेखक: बृजम पांडेय
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हादसे में बचे सुजीत कुमार सिंह ने भास्कर को सुनाई आंखो-देखी।
”ऊ त सुरुए से अनमना चला रहा था…पता नहीं पिया था कि निंदिआएल था…लेकिन ओकर गाड़ी चलावे के स्टाइल से लगा कि ठीक गाड़ी नहीं चला है…” यह कहना है पटना के दानापुर पीपा पुल हादसे में बचे सुजीत कुमार सिंह का। सुजीत अपनी बहन के ससुराल आए थे। उनकी बहन के घर में शादी है। दानापुर में तिलक के कार्यक्रम में शामिल होकर जीप से अपने घर अकिलपुर लौट रहे थे। सुबह साढ़े सात बजे जब गाड़ी पीपा पुल से गुजरी तो सुजीत को यह अहसास हो गया कि गाड़ी चलाने वाला ड्राइवर कंट्रोल में नहीं है। जीप गंगा नदी की तरफ बढ़ रही थी, तो डगमगा रही थी। इस बात की भनक सुजीत को लग रही थी कि कुछ गड़बड़ है।
जीप की छत पर बैठे थे सुजीत और एक शख्स
सुजीत कुमार सिंह के साथ एक और आदमी गाड़ी के ऊपर हुड (छत) पर बैठे थे। सुजीत बताते हैं, ”जब गाड़ी पीपा पुल पर गई तो बहुत डगमगा रही थी. ऊपर की आवाज नीचे नहीं आ रही थी. पीपा पुल बहुत आवाज करता है ना…गाड़ी के अंदर बहन के ससुर और कुछ बूढ़े लोग बैठे थे…बच्चे भी थे…गड़िया डगमगाते-डगमगाते बीच में पहुंच गया…लेकिन तब तक ऊ रेलिंग तोड़ दिया…गाड़ी के गिरे के पहले ड्राइवर अपने तुरंते कूद गया…हमरा साथे थे, ऊ पानी में गिरे लेकिन बच गए…बाकि लोग के लाश निकल रहा है.” सुजीत ने आंखों-देखी अपने बचने और लोगों के डूबने की कहानी बताई।
9 लाशें निकलीं, 3 बचे, 6 की तलाश जारी
इस हादसे में अब तक 9 लोगों की लाश निकाली जा चुकी है। हादसे की सुचना पाते ही दियारा और दानापुर की तरफ के हजारों लोग पहुंच गए। आनन फानन में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया। पिकअप वैन को गंगा नदी से निकाल लिया गया। अभी छह गायब लोगों की तलाश की जा रही है। इस दुर्घटना में दो लोग और एक ड्राइवर सुरक्षित बच गए।
जर्जर पीपा पुल के दोनों साइड में है तेज ढलान
दानापुर के पीपा पुल की हालत काफी जर्जर है। यहां अक्सर हादसे होते रहते हैं। इसका बड़ा कारण यह है कि दानापुर पीपा पुल के साइड में काफी तेज ढलान होने के कारण यहां वाहनों के फिसलने का डर हमेशा बना रहता है। यह पुल स्टील प्लेट से बना है, जिसपर वाहनों के फिसलने की आशंका हमेशा बनी रहती है। शुक्रवार को हुए हादसे का कारण भी यही सामने आ रहा है। भास्कर ने अपनी इस खबर में बताया है कि 29 साल से मंडरा रहा खतरा, अब तो जागिए। हद तो यह है कि अक्सर लाखों खर्च होने के बाद भी 29 साल में दानापुर की साइड में पुल का अप्रोच रोड भी सही तरीके से नहीं बन पाया है।
(घटनास्थल से प्रणय प्रियंवद और ज्ञानशंकर के इनपुट के साथ)
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