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पटनाएक घंटा पहले
उपद्रवियों ने ट्रेन के कोच में लगा दी थी आग।
बिहार में केंद्र सरकार की योजना अग्निपथ का विरोध जिस हिंसक तरीके से किया गया है, उसकी कल्पना किसी ने नहीं की थी। खुफिया जानकारी जुटाने वाली एजेंसियों से लेकर पुलिस तक को इस बड़े आंदोलन की भनक तक नहीं थी। बुधवार और गुरुवार के विरोध-प्रदर्शन के बावजूद इन्हें एहसास नहीं था कि शुक्रवार को गुस्साए युवाओं का विरोध-प्रदर्शन और विकराल रूप ले लेगा।
तीन दिनों से लगातार चल रहे इस आंदोलन पर किसी प्रकार का कोई इनपुट नहीं होना सीधे तौर पर इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) और बिहार पुलिस की स्पेशल ब्रांच की कार्यशैली बड़े सवाल खड़ा करती है। सूत्र बतातें है कि इन दोनों ही एजेंसियों के पास किसी प्रकार का कोई अनुमान नहीं था। ये एक बहुत बड़ा इंटेलिजेंस फेल्योर है। IB में तो पटना से लेकर दिल्ली तक में खलबली मची हुई है।
अनुमान से ज्यादा थी उपद्रवियों की भीड़
गुरुवार को ही बिहार पुलिस के ADG लॉ एंड ऑर्डर संजय सिंह ने कहा था कि भोजपुर, बक्सर, सारण सहित जिन जिलों में सेना बहाली के लिए लोग सबसे अधिक तैयारी करते हैं, वहां एक्सट्रा फोर्स दिए गए हैं। जगह-जगह पुलिस फोर्स की तैनाती भी की गई है। मगर, इनकी तैनाती कम पड़ गई। शुक्रवार को पुलिस का सारा अनुमान फेल हो गया।
जिन जगहों पर भी पुलिस के एक्स्ट्रा फोर्स की तैनाती हुई, उनकी संख्या से कहीं अधिक अग्निपथ योजना का विरोध करने वाले युवाओं की भीड़ पहुंच गई। इनके सामने पुलिस की टीम काफी छोटी पड़ गई थी। यही वजह कि इन पर काबू पाने में और रेल रूटों को पूरी तरह से क्लियर कराने में करीब 12 घंटे का वक्त लगा।
ऐसे लोगों को भविष्य में नहीं मिलेगा कोई बेनिफिट्स
शुक्रवार को ADG लॉ एंड ऑर्डर संजय सिंह ने बताया कि गुरुवार को हुए हिंसक उपद्रव और सरकारी संपत्तियों को पहुंचाए गए मामले में राज्य के अंदर कुल 31 FIR दर्ज हुई और 435 गिरफ्तारी हुई।
इसमें गुरुवार के उपद्रव पर 24 FIR व 125 गिरफ्तारी की गई। इनके अनुसार आज हुए उपद्रव के मामले में भी कानूनी कार्रवाई होगी। वीडियो फुटेज और फोटो के आधार पर पहचान कर उपद्रव करने वालों को गिरफ्तार किया जाएगा। इनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की जाएगी। पूरी कोशिश होगी भविष्य में ऐसे लोगों को कोई बेनिफिट्स नहीं मिले।
FIR हुई तो अग्निपथ क्या किसी भी पथ के लिए भविष्य नहीं बचेगा। इसलिए बेहतर होगा कि युवा कानून को अपने हाथ में न लें। इस मामले में बिहार पुलिस ने अबतक जो कार्रवाई की है, वो पूरी तरह से बंधे हाथों के बीच की है। क्योंकि, उपद्रवियों के खिलाफ खुलकर एक्शन नहीं लिया गया, यह साफ तौर पर दिखा है।
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