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महाकुंभ की तरह हज में भी लगी थी भीषण आग, 217 की मौत, फिर सऊदी ने किया ऐसा इंतजाम |

महाकुंभ की तरह हज में भी लगी थी भीषण आग, 217 की मौत, फिर सऊदी ने किया ऐसा इंतजाम |

धार्मिक आयोजनों में लाखों की संख्या में श्रद्धालु शामिल होते हैं, जहां थोड़ी सी चूक भी बड़ा हादसा बन सकती है। ऐसा ही एक दर्दनाक हादसा सऊदी अरब के मक्का में 1997 के हज के दौरान हुआ था। इस घटना ने न केवल सैकड़ों जानें लीं बल्कि हज यात्रा की सुरक्षा व्यवस्था में बड़े बदलाव के लिए प्रेरित किया।


1997 का हज हादसा: 217 की मौत, 2000 से अधिक घायल


हादसे की वजह

  1. गैस स्टोव का उपयोग:
    टेंट में खाना पकाने के लिए गैस स्टोव का उपयोग किया जाता था, जो आग लगने का मुख्य कारण बना।
  2. ज्वलनशील टेंट:
    टेंट की सामग्री प्लास्टिक आधारित थी, जो आग को तेजी से फैलाती है।
  3. आपातकालीन व्यवस्थाओं की कमी:
    आग बुझाने और भीड़ को संभालने के लिए आपातकालीन प्रबंधन पर्याप्त नहीं था।

सऊदी अरब ने हादसे के बाद क्या बदला?

1997 के हादसे के बाद सऊदी अरब ने हज यात्रा की सुरक्षा में कई अहम सुधार किए। आज हज यात्रा के दौरान ऐसी घटनाओं से बचने के लिए निम्नलिखित उपाय लागू किए गए हैं:

1. अग्निरोधी टेंट का उपयोग

2. गैस स्टोव और सिलेंडर पर प्रतिबंध

3. दमकल सेवाओं की तैनाती

4. आपदा प्रबंधन और इमरजेंसी प्लानिंग

5. भीड़ प्रबंधन तकनीक


महाकुंभ और हज: सुरक्षा के सबक

महाकुंभ और हज जैसे बड़े धार्मिक आयोजनों में लाखों श्रद्धालु इकट्ठा होते हैं। ऐसे में हादसों को रोकने के लिए मजबूत प्रबंधन जरूरी है। महाकुंभ में आग की घटनाओं से बचने के लिए सऊदी अरब के इन सुरक्षा उपायों से प्रेरणा ली जा सकती है:

  1. अग्निरोधी टेंट का उपयोग करें।
  2. सिलेंडर और आग फैलाने वाले उपकरणों पर प्रतिबंध लगाएं।
  3. आपदा प्रबंधन टीम की तैनाती करें।
  4. सीसीटीवी और फायर अलार्म सिस्टम लगाएं।
  5. श्रद्धालुओं को डिजिटल ट्रैकिंग सिस्टम से ट्रैक करें।
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