Home Bihar धिक्कार है ऐसी संतानों पर: बेटों ने पिता को धक्के देकर घर से बाहर निकाला, मंदिर में भी नहीं मिली शरण, बारिश में ठिकाना ढूंढ रहे बुजुर्ग

धिक्कार है ऐसी संतानों पर: बेटों ने पिता को धक्के देकर घर से बाहर निकाला, मंदिर में भी नहीं मिली शरण, बारिश में ठिकाना ढूंढ रहे बुजुर्ग

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धिक्कार है ऐसी संतानों पर: बेटों ने पिता को धक्के देकर घर से बाहर निकाला, मंदिर में भी नहीं मिली शरण, बारिश में ठिकाना ढूंढ रहे बुजुर्ग

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फारबिसगंज/अररिया36 मिनट पहले

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इसी बुजुर्ग को बेटों ने घर से बाहर निकाल दिया है। - Dainik Bhaskar

इसी बुजुर्ग को बेटों ने घर से बाहर निकाल दिया है।

फारबिसगंज प्रखण्ड की हरिपुर पंचायत में दो बेटों ने अपने बुजुर्ग और लाचार पिता को धक्के मारकर घर से बाहर निकाल दिया है। एक तरफ कोरोना महामारी, दूसरी तरफ खराब मौसम, ऐसे में बुजुर्ग अब दर-दर की ठोकर खा रहा है। बुजुर्ग चंद्रशेखर नायक ने बगल के मंदिर में शरण लेकर बारिश से बचने का प्रयास किया तो वहां के पुजारी ने भी उन्हें दूसरा ठिकाना खोजने के लिए कह दिया।

राजमिस्त्री हैं चन्द्रशेखर नायक के दोनों पुत्र
रोते हुए चंद्रशेखर नायक ने बताया कि दोनों बेटे सूरज नायक और राजू नायक में से कोई उन्हें रखने को तैयार नहीं है। तब उन्होंने दुर्गा मंदिर में शरण ली, लेकिन वहां से भी उन्हें भगा दिया गया। हालांकि मन्दिर के पुजारी ने कहा कि मौसम खराब होने के कारण उनहोंने बुजुर्ग को कहीं और जाने को बोला है, क्योंकि मंदिर के आसपास कोई मकान नहीं है और वे खुले में रह रहे थे। चन्द्रशेखर नायक के दोनों पुत्र राजमिस्त्री का काम करते हैं। चन्द्रशेखर नायक ने रोते हुए बताया कि मजदूरी कर किसी तरह मकान बनाया। अब दोनों पुत्र ऐसे हो जाएंगे, कौन जानता था।

मुखिया बोले-सहायता दिलाई जाएगी
हरिपुर पंचायत के मुखिया परमानंद ऋषिदेव ने बताया कि इस मामले की जानकारी मुझे चौकीदार के हवाले से मिली है। मैं सहायता करने का प्रयास कर रहा हूं। ऐसे पुत्रो को भी अपनी गलती का एहसास होना चाहिए।

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