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भागलपुर28 मिनट पहलेलेखक: त्रिपुरारि
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बरारी वाटर वर्क्स में बन रहे नए ट्रीटमेंट प्लांट का काम अभी बंद हाे गया है।
एडीबी की 525 कराेड़ रुपए की जलापूर्ति याेजना के तहत शहर में इसी माह से घर-घर गंगा जल पहुंचना था। लेकिन अब काम कब तक पूरा हाेगा, बुडकाे के अधिकारी ये बताने की स्थिति में नहीं हैं। काम कराने की जिम्मेदारी बुडकाे के पास ही है। काम की जाे गति है उससे नहीं लगता कि शहरवासियाें काे इस याेजना का लाभ अगले साल भी मिल पाएगा। क्याेंकि अभी तक नया वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, इंटेकवेल, इंजीनियरिंग काॅलेज से जीराेमाइल तक करीब तीन किलाेमीटर एनएच पर लाेहे का पाइप बिछाने का कार्य बाकी है। कुल मिलाकर पाइप बिछाने का 25 फीसदी काम बाकी है। 450 किलाेमीटर पाइप शहर में बिछाया जाना है। नए ट्रीटमेंट प्लांट से शहर के 19 जलमीनाराें तक पानी पहुंचाया जाना है।
लेकिन अब तक तीन जलमीनार ही तैयार है, जहां पानी स्टाेर हाे सकता है। सबसे बड़ी दिक्कत यह फंड की कमी है। इस याेजना का ताे काम भी बंद हाे गया था। सप्ताहभर पहले करीब 20 कराेड़ का आवंटन शुरू हुआ ताे दाे एजेंसियाें काे राशि दी गयी। इसके बाद एजेंसी केसीपीएल ने खंजरपुर हाेकर बन रहे शहरी बाइपास के आगे पाइप बिछाने का काम शुरू किया है। लेकिन वीएटेक एजेंसी ने ट्रीटमेंट प्लांट व इंटेकवेल का काम दाेबारा शुरू भी नहीं किया है।
2015 से ही शहर में इस याेजना का कार्य शुरू हुआ था। बुडकाे के सहायक अभियंता अमित कुमार ने बताया कि इंजीनियरिंग काॅलेज से लेकर जीराेमाइल तक तीन किलाेमीटर एनएच पर पाइप बिछाने का कार्य बाकी है। एनएच से परमिशन नहीं मिला है। कई बार पत्राचार किया गया। 20 कराेड़ राशि आयी ताे पेमेंट हुआ है। ट्रीटमेंट प्लांट व इंटेकवेल का काम अब शुरू हाे जाएगा।
बुडकाे यह बताने की स्थिति में नहीं कि याेजना कब तक पूरी हाेगी
450 किलाेमीटर पाइप शहर में बिछाना है, करीब 75% कार्य हुआ है 68, 621 घराें में करीब 50 घराें में पानी का पाइप पहुंचा है
बरहपुरा जलमीनार की जमीन तय नहीं
सात साल में अब तक करीब 50 हजार लाेगाें के घराें तक सिर्फ पाइप पहुंचा है। करीब 18 हजार लाेगाें के घराें तक पानी पहुंचा है। 21 जलमीनाराें की जगह पर सिर्फ तीन-हाउसिंग बाेर्ड बरारी, टीएमबीयू व वारसलीगंज में चालू हुई है। इसी से लाेगाें काे पानी जा रहा है। लेकिन यह पानी भी बाेरिंग का है। अभी गंगा का पानी पाइप से यहां नहीं पहुंचा है। 15 स्थानाें पर जलमीनार का कार्य जारी है। बरहपुरा में जलमीनार की जमीन तय ही नहीं है। अलीगंज व नाथनगर में डिजाइन अप्रूव नहीं हुआ है।
कुछ काम की स्वीकृति भी अभी बाकी है
जलापूर्ति याेजना कब तक पूरी हाेगी, यह अभी नहीं बता सकते। कुछ और कार्याें की स्वीकृति ली जानी है। उसके मिलने के बाद ही टाइम लाइन फिक्स हाेगा।
कमल किशाेर प्रसाद, कार्यपालक अभियंता, बुडकाे
ये हैं तीन प्रमुख अड़चन
- काम के लिए बार-बार फंड का अभाव हाे रहा है।
- पाइप बिछाने के लिए एनएच से अनुमति नहीं मिली है।
- तीन जलमीनार का निर्माण शुरू भी नहीं हाे सका है।
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