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Pilatus PC 24 Aircraft: नए साल में अडानी ग्रुप को लेकर एक और बड़ी खबर आ रही है. ग्रुप की तरफ से बिजनेस जेट बेड़े को दोगुना करने का प्लान किया जा रहा है. ग्रुप के जेट खरीदने का कारण बताया गया कि उसके शीर्ष अधिकारियों के पास उड़ान के लिए पर्याप्त विमान हो. हिंडनबर्ग रिसर्च की तरफ से लगाए गए आरोपों में सुप्रीम कोर्ट की तरफ से क्लीनचिट मिलने के बाद अडानी ग्रुप तरीके से विस्तार का प्लान बना रहा है. मिंट में प्रकाशित खबर के अनुसार इस मामले की जानकारी रखने वाले दो लोगों ने बताया कि ग्रुप की तरफ से छह पिलाटस पीसी-24 एयरक्रॉफ्ट (Pilatus PC-24 aircraft) खरीदने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.
अभी ग्रुप के पास ये विमान
अभी अडानी ग्रुप के पास छह प्राइवेट जेट हैं. इनमें से दो एम्ब्रेयर लिगेसी 650, बॉम्बार्डियर ग्लोबल 6500, बॉम्बार्डियर चैलेंजर 605, हॉकर बीचक्राफ्ट 850 और बीचक्राफ्ट बी-200 हैं. इसके अलावा ग्रुप के पास दो हेलीकॉप्टर भी हैं. विमान कर्णावती एविएशन प्राइवेट लिमिटेड की तरफ से री-सेल में खरीदा जाएगा. कर्णावती एविएशन ग्रुप की एविएशन आर्म है, इसमें उसके सभी जेट हैं. प्राइवेट जेट ऑपरेटर कंपनी के एक अधिकारी ने बताया कि कंपनी नए प्लेन नहीं खरीद रही बल्कि रीसेल में खरीद की जाएगी. अंदाजा लगाया जा रहा है कि छह विमान को खरीदने में 300 करोड़ से ज्यादा का खर्च आएगा.
नए विमानों पर 450 करोड़ का खर्च होगा
एक अधिकारी ने नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर बताया कि यदि अगर कंपनी ने नए प्लेन खरीदने का फैसला किया होता तो छह नए पिलाटस पीसी-24 पर करीब 450 करोड़ का खर्च होता. इस बारे में अडानी ग्रुप की तरफ से किसी प्रकार की प्रतिक्रिया नहीं दी गई. मिंट में प्रकाशित खबर के अनुसार अडानी ग्रुप के एक एग्जीक्यूटिव ने विमान खरीद योजना की पुष्टि की है. साथ ही कहा कि विमान जल्द आने शुरू हो जाएंगे. उन्होंने यह भी बताया कि सभी छह विमानों की डिलीवरी में 18 महीने का समय लग सकता है.
पिलाटस पीसी-24 प्लेन के फीचर्स
पिलाटस पीसी-24 को स्विट्जरलैंड के पिलाटस एयरक्राफ्ट द्वारा तैयार किया गा है. इसे ‘सुपर वर्सेटाइल जेट’ के रूप में ब्रांड किया गया है. विमान की कार्गो कैपेसिटी 1,406 किलोग्राम की है और यह 45,000 फीट की ऊंचाई तक जा सकता है. कंपनी के अनुसार 10 सीटर विमान की अधिकतम क्रूज स्पीड 440 नॉट ट्रू एयरस्पीड (KTAS) है.
क्या था अडानी ग्रुप-हिंडनबर्ग विवाद?
24 जनवरी 2023 को अमेरिकी फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च की तरफ से अरबपति गौतम अडानी के ग्रुप पर कंपनियों के शेयर की कीमत में हेर-फेर करने का आरोप लगाया गया था. इस मामले में करीब एक साल बाद 3 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट की तरफ से फैसला सुनाया गया. हिंडनबर्ग रिपोर्ट आने के बाद अडानी की कंपनियों के शेयर की कीमत आधे से भी कम रह गई थी. ग्रुप का मार्केट कैप गिरकर आधे से भी कम रह गया था. रिपोर्ट आने से पहले अडानी ग्रुप का मार्केट कैप करीब 19 लाख करोड़ रुपये था, जो कि अब 14 लाख करोड़ के करीब है.
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