नक्सलियों के डर से घर छोड़ने को मजबूर हुए लोग: एक ही परिवार के 4 लोगों की हत्या हुई थी, फिर टांग दिया था शव

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गया11 मिनट पहले

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गया में नक्सलियों के खौफ से लोग घर छोड़ने को मजबूर हो गए हैं। डुमरिया थाना क्षेत्र के मोनावार में परिवार के चार सदस्यों को खोने के बाद अब पीड़ित परिवार को घर भी छोड़ना पड़ा है। नक्सलियों के फरमान के बाद परिवार के बचे हुए लोग बच्चों को लेकर जंगल स्थित अपने घर से निकल गए हैं। शनिवार रात नक्सलियों ने मोनावार जंगल में एक ही परिवार के चार सदस्यों की हत्या कर दी थी। शव को घर के बाहर गौशाला परिसर में फंदे से लटका दिया था।

मोनावार में पीड़ित परिवार का घर। (फाइल फोटो)

मोनावार में पीड़ित परिवार का घर। (फाइल फोटो)

नक्सली हमले के पीड़ितों की आंखों देखी

पल्ला झाड़ने में लगे हैं SSP

चार लोगों की हत्या के बाद नक्सलियों ने परिवार के बचे हुए सदस्यों को गांव छोड़ देने का निर्देश दिया था। साथ ही खेती करने पर भी रोक लगा दी थी। इसके बाद पीड़ित परिवार के सरयू सिंह भोक्ता और मंगरू सिंह भोक्ता ने सोमवार को गांव छोड़ दिया। पत्नी और बच्चों के साथ वे निकल गए। बच्चों के साथ खुद को जिंदा रखने के लिए घर छोड़ने को मजबूर हुए हैं। वहीं, इस पूरे मामले पर एसएसपी SSP आदित्य कुमार अपना पल्ला झाड़ने में लगे हैं। उनका कहना है कि नक्सलियों की पहचान की जा रही है।

नक्सलियों ने परिवार के 4 लोगों को फांसी पर लटकाया

रिश्तेदार भी रखने को तैयार नहीं

नक्सलियों के डर से मोनावार के जंगल में रहने वाले पीड़ित परिवार को उनके रिश्तेदार भी अपने गांव में रखने को तैयार नहीं है। पुलिस की ओर से भी उन्हें मदद नहीं मिल रही है। यहां के अलावा पीड़ित सरयू सिंह और मंगरू सिंह का कहीं घर भी नहीं है। जान बचाने के लिए दोनों को अपने परिवार के साथ गांव छोड़ना पड़ा। उनके घर को भी डाइनामाइट लगा कर उड़ा दिया गया है। मारे जाने वालों में सरयू सिंह भोक्ता के दो लड़के महेंद्र और सुरेंद और उन दोनों की पत्नियां थीं।

हत्या का बदला

इस वारदात को अंजाम देने वाले नक्सली का कहना है कि बीती 16 मार्च को इन्हीं लोगों ने मुखबिरी की थी। चार साथियों अमरेश, सीता, शिवपूजन और उदय की हत्या का बदला लिया गया है। षड्यंत्र के तहत 4 नक्सली को पूर्व में जहरखुरानी करके मरवाया गया था। वे एनकाउंटर में नहीं मारे गए थे।

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